दिन की दोपहर में 45 डिग्री तापमान पर इंसान को झुलसा देने वाली गर्मी में लू का प्रकोप चलता है। ऐसे में कोई भी बड़ा अधिकारी तो क्या आम इन्सान और यहाँ तक कि पक्षी भी इस जला देने वाली गर्मी में बाहर जाने से बचता है।

  • परन्तु ऐसे रूह को जला देने वाले मौसम में भी अपने परिवार समान जनता के लिये अपनी सभी सुविधाओं को भूल कर एक जिलाधिकारी अपनी जनता के लिए खुले बरामदे में बैठकर अपनी जनता की परेशानी सुनती हैं।
  • वो जिलाधिकारी कोई और नहीं बल्कि बुलंदशहर की ‘दीदी’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं जिलाधिकारी बी.चंद्रकला हैं।
  • जो अब बिजनौर की जिलाधिकारी हैं।
  • इनके दरबार में किसी भी तरह की रोक टोक नहीं है।

IAS B.Chandrakala

  • किसी भी माध्यम की जरूरत नहीं होती है इनके दरबार में जाने के लिये।
  • सीधी एंट्री होती है इनके दरबार में अपनी फरियाद सुनाने के लिए।

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  • बस अपनी शिकायत बताइये और मौके पर अपनी परेशानी का समाधान ले जाइए।
  • ऐसी ही तेज और दुरुस्त कार्यप्रणाली है बिजनौर की जिलाधिकारी बी0 चंद्रकला की।
  • यूं ही नहीं जनता के दिलों में राज करती हैं जनता की जिलाधिकारी बी0 चंद्रकला।

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  • इस प्रसिद्धि के पीछे का कारण उनकी क्षमता,कार्यशैली और उनकी कड़ी मेहनत भी शामिल है।
  • जिलाधिकारी बी0 चंद्रकला मानती हैं कि एक अधिकारी के तौर पर उनकी मौजूदगी जनता के लिए बेहद आसान होनी चाहिए।
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