Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

भृष्टाचारी अरुण सिंह पर मंत्री सुरेश खन्ना मेहरबान, कोई कार्रवाई नहीं

sureshkhanna

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की मेहरबानी के चलते जल निगम के भ्रष्टाचारी इंजीनियर अरुण कुमार सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं होते दिखाई दे रही है। आलम ये है कि भ्रष्टाचर पर अंकुश लगाने का दावा करने वाली योगी सरकार में जल निगम के निदेशक राजन मित्तल इंजीनियर को बचाने में जुटे हुए हैं। इसकी शिकायत विधायक सुरेंद्र सिंह, विधायक सुशील सिंह ने सीएम ऑफिस से लेकर पीएमओ कार्यालय तक कर दी लेकिन भ्रष्टाचारी इंजीनियर सीना तान के घूम रहा है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री के रसूख के आगे सरकार कार्रवाई करने में हाथ पीछे खींच रही है।

जल निगम के इंजीनियर पर हैं भ्रष्टाचार के आरोप

बता दें कि उत्तर प्रदेश के जल निगम के इंजीनियर अरुण कुमार सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। यह आरोप दो भाजपा विधायकों सुरेंद्र सिंह और सुशील सिंह ने लिखित शिकायती पत्र में लगाये हैं। विधायकों का कहना है कि इस मामले में तमाम नेताओं ने सुरेश खन्ना को शिकायती पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि अरुण कुमार सिंह जल निगम के MD राजन मित्तल के करीबी हैं इसलिए वह उनका बचाव कर रहे हैं।

प्रमोशन करवाने की तैयारी में जुटे एमडी

सूत्रों के अनुसार, जल निगम के एमडी राजन मित्तल अपने नजदीकी अरुण सिंह को प्रमोशन देने की तैयारी कर रहे हैं। जिसके लिए इंजीनियर अरुण कुमार सिंह को मनचाही जगह पर पोस्ट करने पर भी आमादा बताये जा रहे हैं। पीएम के क्षेत्र में भ्रष्टाचारी इंजीनियर को बढ़ावा देने पर जल निगम के निदेशक आमादा बताये जा रहे हैं। इसके साथ ही योगी सरकार में शहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने पूरे मामले पर चुप्पी साधी हुई है। गौरतलब है कि, भाजपा विधायकों के साथ ही जल निगम के अधिकारियों ने भी मंत्री सुरेश खन्ना को पत्र लिखा था।

कैसे हो कार्रवाई जब मंत्री भी भ्रष्टाचार में शामिल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की नाक के नीचे प्रबंध निदेशक का बड़ा खेल प्रकाश में आया। नगर विकास मंत्री के अंतर्गत आने वाले यूपी जल निगम के चेयरमैन जी पटनायक और निदेशक राजेश मित्तल ने नियमों का ताक पर रखकर 300 करोड़ रुपये की भारी रकम बिना किसी राजाज्ञा के विभागीय खर्चों में दिखाकर खेल कर दिया। गौरतलब है कि ये रकम जल निगम की तरफ से यूपी सरकार के खजाने में जमा कराई जानी थी।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक 300 करोड़ की यह रकम जल निगम के खातों पर बैंक से ब्याज के रूप में मिले थे। नियमानुसार निगम के खातों पर मिलने वाला ब्याज उन खातों में वापस जाता है जहां से विकास कार्यों की धनराशि जारी की जाती है। यानी केन्द्र सरकार ​द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों के लिए आई धनराशि पर मिलने वाला ब्याज केन्द्र सरकार के खाते में वापस जाता है और राज्य सरकार के खातों से आने वाली रकम का ब्याज राज सरकार के राजकोष को दिया जाता है। इस पूरे खेल में नगर विकास मंत्री की भी अहम भूमिका बताई जा रही है। अब देखने वाली बात ये होगी कि कब इस भ्रष्टाचारी इंजीनियर अरुण सिंह पर कार्रवाई होगी

complaint against jal nigam engineer

Related posts

तस्वीरेंः ‘जमघट’ के लिए गुलजार हुए राजधानी के ‘पतंग’ बाजार!

Rupesh Rawat
8 years ago

यूपी में वृक्षारोपण महाकुंभ की शुरुआत, लगेंगे 22 करोड़ पौधे

Desk
6 years ago

सीएम कार्यालय के सुरक्षाकर्मियों और एलआईयू के दारोगा के बीच जमकर मारपीट

Sudhir Kumar
7 years ago
Exit mobile version