यूपी पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी भले ही अपनी करतूतों की वजह से महकमें को शर्मसार कर रहे हों लेकिन कुछ नेक दिल इंसान अपनी ड्यूटी का फर्ज निभाते हुए विभाग का मस्तक गर्व से ऊंचा कर रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों की ये कहानी उन कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अफसर की है जिन्होंने अपने परिवार के दुःख भुलाकर अपनी ड्यूटी धर्म निभाया। ऐसी ही हरदोई जिला के पिहानी कोतवाली की एक घटना ने पुलिस विभाग का सिर ऊंचा किया है। दरअसल यहां एक गरीब परिवार के घर में आग लग गई थी और उनके घर का सारा सामान जलकर राख हो गया था। घर में सभी भूख से तड़प रहे थे, खाने को कुछ भी नहीं था।
इसी बीच पिहानी थाना प्रभारी श्यामबाबू शुक्ला पुलिस टीम के साथ पीड़ित के घर पहुंचे और राशन की बोरियां जैसे ही उन्होंने पीड़ित के घर पहुंचाई तो सभी की आंखे खुशी से नम हो गईं। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात भूपेन्द्र सिंह ने अपनी ड्यूटी निभाई और सहारनपुर में घायल हुए व्यक्ति को पहले अस्पताल में भर्ती कराया था। वहीं हजरतगंज में आनंद कुमार शाही ने ड्यूटी के प्रति अटूट समर्पण भाव रखते हुए अपनी माता जी की मौत का गम दिल में रखते हुए लामार्ट के अपहरण किये गए छात्र को सकुशल बरामद करने में अहम भूमिका निभाई। इन पुलिसकर्मियों ने पुलिस का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
घर का सारा सामान जलकर हो गया था राख
जानकारी के मुताबिक, पिहानी कस्बे के मुहल्ला मिश्रना निवासी मुन्ना लाल अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी पत्नी उर्मिला के अनुसार उनकी छोटी बेटी तनु मंगलवार को मां दुर्गा की पूजा कर आरती जलाकर अपने काम में व्यस्त हो गई। इसी बीच दीपक मध्य रात में लुढ़क गया, जिससे आग लग गई। आग ने धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लिया। इसकी चपेट में आकर घर में रखा राशन, कपड़ा, बर्तन आदि जलकर राख हो गया। आग की लपट उठती देख पूरा परिवार आग बुझाने के लिए भागा।
पत्नी घरों मेंबर्तन साफ करके पालती है पेट
आसपास के लोग भी आग की लपटों को देख सहायता के लिए दौड़े, लेकिन जब तक आग बुझती तब तक घर में रखा सारा सामान जाकर राख हो गया। मुन्ना लाल के घर में लगी आग से पूरा परिवार विचलित हो गया। उसकी पत्नी घरों में बर्तन धोकर अपना जीवनयापन करती है। आग से पूरे गरीब परिवार के सामने जीवनयापन के लिए कुछ भी नहीं बचा। परिवार के पेट की भूख कैसे मिटेगी यह उनके सामने बड़ा सवाल पैदा कर गया। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।
अपने पैसे से राशन लेकर पहुंची पुलिस
आग लगने के बाद से अभी तक कोई सहयोग सरकार की तरफ से मुहैय्या नहीं हुआ। आग लगने के बाद घर तबाह हो गया सभी भूख से तड़प रहे थे। इसी बीच पीड़ित परिवार के घर कोतवाली प्रभारी श्यामबाबू शुक्ला पुलिस टीम के साथ पहुंचे। पुलिस के घर पहुँचते ही पहले तो लोग भयभीत हो गए लेकिन जब पुलिस ने पीड़ित परिवार को खाने के लिए राशन की बोरियां दीं तो ये नजारा देख पीड़ित परिवार की आंखे खुशी से भर आईं। पिहानी पुलिस ने परिवार को खाने के लिए आटे, चावल की बोरी, बर्तन और अन्य सामग्री मुहैया कराई इसके बाद पीड़ित परिवार के घर खाना बना। पुलिस के इस सराहनीय कार्य की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस नेक काम के फोटो खूब शेयर हो रहे हैं।
इससे पहले भी कई बार कर चुके सराहनीय कार्य
बता दें कि इंस्पेक्टर श्यामबाबू शुक्ला जिस थाने में तैनात रहते हैं वहां वह काफी अच्छा व्यव्हार बनाकर जनता के साथ तालमेल रखकर काम करते हैं। इससे पहले वह लखनऊ के अलीगंज, गोमतीनगर, हरदोई के अतरौली, कछौना में रहे यहां दीपावली के पर्व पर गरीब परिवारों को दिवाली के पटाखे और मिठाइयां बांटते रहे हैं। अब वह पिहानी क्षेत्र की जनता के बीच खूब घुले मिले हुए हैं। इससे पहले उन्होंने थाना परिसर में चौकीदार की गोली लगने से मौत हो जाने पर भी पुलिस की तरफ से एक लाख रुपये से ज्यादा पैसा इकठ्ठा करके पीड़ित परिवार को देने का काम किया है। साथ ही पीड़ित के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा भी उठाया है।
इन पुलिसकर्मियों को भी सलाम
इससे पहले सहारनपुर जिला में यूपी डॉयल 100 के दारोगा भूपेंद्र सिंह तोमर ने बेटी की मौत की सूचना मिलने के बाद भी दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल पहुंचाकर अपना फर्ज निभाया था। भूपेन्द्र सिंह की ड्यूटी के लिए अटूट समर्पण भाव को यूपी पुलिस ने सैल्यूट कर उन्हें डीजी ने उनसे बात की और उनका दुख बांटा। यहीं नहीं यूपी पुलिस ने उन्हें डीजी कमाण्डेशन डिस्क से सम्मानित करने की घोषणा की। वहीं तिग्मांशु धूलिया ने एक उन पर एक 5 मिनट की लघुफिल्म ‘on duty’ बनाई है जो यू ट्यूब पर यूपी पुलिस की तरफ से अपलोड की गई है।
वहीं लखनऊ के हजरतगंज इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही पिछले दिनों छुट्टी पर थे। दरअसल, माता-पिता के इकलौते बेटे शाही की मां का स्वर्गवास हो गया था। इसी बीच पिछले सोमवार को उन्हें सुबह 11 बजे थाने से सूचना मिली कि लामार्टीनियर के छात्र अर्णव का अपहरण हो गया है। उनके थाना क्षेत्र का यह एक हाई प्रोफाइल केस था।
धर्मसंकट था कि एक तरफ माता का दसवां व तेरहवीं अभी बाकी है। उन्हें परंपरा निभानी थी। व्यक्तिगत दुख जो था, उसे तो सिर्फ वही महसूस कर सकते हैं। उन्होंने बिना समय गंवाए बीच में छुट्टी निरस्त कर दी और ड्यूटी पर पहुंच गए थे। उन्होंने पुलिस टीम के साथ छात्र को सकुशल बरामद करवाया साथ ही दूसरे दिन मुठभेड़ में भी एक बदमाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।