प्रदेश के 50 हजार गांवों को 8000 बसों से जोड़ने की योजना पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने रोडवेज व ट्रांसपोर्ट अफसरों के साथ बैठक कर गहन विचार-विमर्श किया।
- उन्होंने शनिवार को सीएम के सामने विभाग की कार्ययोजना के प्रजेंटेशन से पहले सभी पक्षों से खुलकर बात की।
- हालांकि बीएस-4 बसों की उपलब्धता में कमी इस योजना में बाधक बन सकती है।
लोक संकल्प पत्र को पहना रहे अमलीजामा
- परिवहन राज्यमंत्री ने बीजेपी के लोक संकल्प पत्र को अमलीजामा देने के लिए हर तरह से तैयारी करने के आदेश दिए।
- उन्होंने यूपी के 50 हजार गांवों को रोडवेज बसों से जोड़ने की पूरी कार्ययोजना पर मंथन किया।
- इसके लिए औसतन 2000 बसें हर साल चलाई जाएंगी।
- जिससे चार साल में ज्यादातर गांव शहरों से कनेक्ट हो जाएंगे।
- इसके लिए सरकार को करीब आठ हजार बसों की जरूरत पड़ेगी।
- अगर इसके बावजूद भी कुछ गांव छूट जाते हैँ तो अगले चुनाव से पहले उन्हें भी बस सेवाओं से जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
- उन्होंने निगम के अध्यक्ष प्रवीण कुमार, प्रमुख सचिव आराधना शक्ला, एमडी के. रविन्द्र नायक के साथ ही डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर्स व आरटीओ और रीजनल मैनेजर्स के साथ भी बैठक की।
- परिवहन राज्यमंत्री प्रदेश भर के हर आरटीओ दफ्तरों के आसपास वर्षों से जमे दलालों को हटाने के आदेश दिए।
- ताकि आम लोगों के काम आसानी से हो सके।
- उन्होंने अफसरों से कहा कि वह खुद औचक निरीक्षण करेंगे और इस मामले में वह कोई भी बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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