प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी नगरी में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में छेड़खानी के खिलाफ शुरू हुआ बवाल (BHU student protest) अब तक नहीं थमा है. शनिवार रात में हालात और बिगड़ गए जब पुलिस ने कैंपस में घुसकर छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया था. वहीँ सीएम योगी द्वारा इस घटना की जाँच कमिश्नर को सौंपी गई थी.
कमिश्नर की जाँच में BHU प्रशासन दोषी:
- कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने चीफ सेक्रेटरी को रिपोर्ट सौंपी है.
- इसमें BHU प्रशासन को दोषी ठहराया गया है.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि BHU प्रशासन ने छेड़छाड़ के मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई.
- ना ही समय पर उचित कार्रवाई की.
- प्राथमिक जांच रिपोर्ट में गंभीर आरोप बीएचयू प्रशासन पर लगे हैं.
पीड़ित छात्राओं की शिकायत वीसी ने नहीं सुनी थी. - प्रॉक्टर और अन्य ने भी शिकायत नहीं सुनी थी
छेड़खानी से तंग आकर छात्राएंधरने पर बैठीं थी.
क्या कहा वीसी ने :
- वीसी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों के धरने में बाहरी लोग भी शामिल थे
- बाहरी उपद्रवी तत्व भी धरने में शामिल थे
- उन्होंने कहा कि रे धरना स्थल पर जाने से स्थिति बिगड़ जाती
- बीएचयू के छात्र विवि का विरोध नहीं कर सकते हैं.
- वो मेरे विरोध में तो जरूर खड़े हो सकते हैं
- मालवीय जी की प्रतिमा पर अराजक लोगों ने कालिख पोती है.
- उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों ने प्रतिमा पर कालिख पोती
- बीएचयू परिसर में पूरा मामला सुनियोजित था.
- हॉस्टल को खाली करना का कोई आदेश नहीं था
- लाठीचार्ज की नैतिक जिम्मेदारी विवि प्रशासन की है.
- पूरे मामले की जांच उच्चस्तरीय कमेटी करेगी.
- पूरे बीएचयू कैंपस में सीसीटीवी लग रहे हैं.
- छात्रों की मांग पर सीसीटीवी लगाया जा रहा है.
- मेरे ढाई साल के कार्यकाल में कई बार कोशिश हुई कि माहौल बिगाड़ा जा सके.