काशी की गलियों में बाइक पर घूमकर समस्याओं को सुलझा रहें हैं, “नायक” डीएम!
Rupesh Rawat
वर्तमान में काशी के डीएम विजय किरन आनंद 2009 बैच के आईएएस हैं और मूल रूप से बंगलूर के निवासी हैं। काशी में तैनात होने के बाद डीएम विजय किरन आनंद वाराणसी की जनता की उम्मीदों की किरण बनकर उभरें हैं, अपनी तेज तर्रार कार्यशैली से डीएम विजय किरन आनंद ने बनारसवासियों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बना ली है। बनारस के लोग डीएम विजय की तुलना नायक फिल्म के अनिल कपूर से करते हैं। लोगों का कहना है कि अनिल कपूर जैसे फिल्म नायक में जनता के बीच जाकर समस्याओं का समाधान करता है, वैसे ही डीएम बनारस विजय किरन आनंद भी कर रहे हैं।
विजय किरन आनंद का मानना है कि ऑफिस में बैठकर नहीं, बल्कि सड़कों-गलियों में घूमकर जनता की समस्या समझी जा सकती है।
डीएम की सेवा भावना को इसी से समझा जा सकता है कि इस भीषण गर्मी में भी वह बाइक से बनारस की गलियों में जाकर रियलिटी चेक करते हैं।
डीएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दें रखें हैं कि मनमानी करने वालों को ‘पहले समझाओ, फिर नोटिस और न माने तो जेल।’
डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घड़ी देखना बंद करेें, जब तक लोगों की सभी समस्याओं को न निपटा लें कार्यालय छोड़कर घर न जाएं।
इससे पहले शाहजहांपुर में रहते हुए आन ड्यूटी एक महिला की जान बचाने के लिए खून देकर वह चर्चाओं में आये थे।
अपनी कार्यों से महज 48 दिनों में शाहजहांपुर में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले तेज़ तर्रार तत्कालीन डीएम के लिए जिले के लोग आंसू बहाने को मजबूर हुए थे।
उनके तबादले के विरोध में जिले में कई धरने प्रदर्शन हुए, और छात्रों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार से उनका तबादला निरस्त करने की मांग की थी।
सूत्रों की माने तो 48 दिनों बाद ही विजय को उनके अच्छे कार्यों का इनाम मिला, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद उन्हें काशी में तैनात कराया था।
मालूम हो कि वाराणसी पीएम का संसदीय क्षेत्र हैं और पिछले समय में पीएम की कई महत्वकांक्षी योजनाएं सही ढ़ंग से लागू नहीं हो पा रहीं थी।
जिसके बाद मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए डीएम विजय को चुना। क्योंकि अगले वर्ष होने वाले चुनावों में काशी को प्रदर्शनी के तौर पर देखा जा रहा है।
‘मैं डीएम बनारस हूं’:
नगर निगम से डीएम विजय बाइक पर बैठकर भैरोनाथ गलियों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बनारस के लोगों को अपना परिचय ‘मैं डीएम बनारस हूं’ कहकर कराया।
यहां उन्होंने इलाके की साफ-सफाई का निरीक्षण किया और गंदगी देखकर अफसरों को तत्काल में सफाई कराने के निर्देश दिया।
इसके साथ ही डीएम ने लोगों से सवाल किये कि आपके यहां कब-कब ,कितने बजे कूड़ा उठता है। क्या आप अपने सुपर वाइजर को पहचानते हैं? बनारस की स्वच्छता को लेकर विजय खासा सजग हैं।
डीएम ने क्षेत्र के लोगों को साफ-सफाई को लेकर जागरूक भी किया, यहां एक घर के बाहर गंदगी देखर डीएम ने निवासी सुनील को समझाया कि ‘सुधर जाइए, नहीं तो जाएंगे जेल।’