Varanasi News,वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में काशी घाट वॉक अपने तृतीय वर्षगांठ पर घाटों पर रहने वाले लोगों को वैक्सीन को लेकर फैलाई गई भ्रांतियों को दूर करते हुए लोगों को जागरुक किया गया।जहा चिकित्सको और शिक्षकों ने कहा कि जनता के बीच जब कोई दवा और वैक्सीन आती है तो उसका हजारों बार ट्रायल किया जाता है। जानवरों और मनुष्यों पर सफल ट्रायल के बाद ही किसी भी वैक्सीन को जनता के लिए लाया जाता है। प्रथम चरण के बाद दूसरे चरण में अब ‘फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स’ को लगाया जाएगा। यह वैक्सीन देशी होने के साथ बिल्कुल सफल है।

रीवा घाट से कार्यक्रम की शुरुआत।

इस दौरान चिकित्सक और शिक्षक अपने हाथों में कोविड़ वैक्सीन की बोटल और इंजेक्शन की सिरिंज की प्रतिकृति लेकर चल रहे थे। रीवा घाट से कार्यक्रम की शुरुआत कविता पाठ से हुई। वही मानसरोवर घाट पर रहने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया। जिसमे प्रो. अंजली रानी, प्रो. विधि नागर, ड़ॉ. उवर्शी गहलोत थी। इस कार्यक्रम का संयोजक डॉ. शारदा सिंह ने किया।

तीसरा पड़ाव हुआ सिंधिया घाट।

सिंधिया घाट पर तीसरा पड़ाव हुआ, जहाँ सीआरपीएफ कमांडेंट राम लखन उपस्थित थे। और यहां कथक नृत्य का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक अष्टभुजा मिश्र ने किया। और शक़्क़ा घाट पर कोरोना समय-जीवन और स्वास्थ्य को लेकर परिचर्चा हुई। यहां लोगों को अभियान की तरह जागरूक करने और देश के वैज्ञानिकों के प्रति आभार जताया गया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान जो विश्व पर संकट आया वह आजीवन स्मरण रहेगा। सबका जीवन ठप्प हो गया था। उस संकट के दौरान फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स का एहसान जीवन भर रहेगा। उन्होने अपना जीवन संकट में डालकर लोगों के जीवन की सुरक्षा की।

अंत में कार्यक्रम का समापन भैंसासुर घाट पर ‘अनुभव और उम्मीद’ की परिचर्चा के साथ हुई। जिसमें प्रो. अरविंद जोशी, अरुण कुमार श्रीवास्तव, ड़ॉ. मनीष अरोड़ा, मिथलेश साहनी ‘बच्चा’ मौजूद रहें। इस कार्यक्रम का संयोजक जितेंद्र कुशवाहा ने किया। लौटते वक्त बजड़े पर अकरम खां का तबला और ताना-बाना ग्रुप का कबीर भजन का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान अभय शंकर तिवारी, शैलेश तिवारी, कविता गोंड, प्रभाकर सिंह, शिव विश्वकर्मा, गोविंद सिंह, विनय महादेव, जितेंद्र कुशवाहा, अमित राय सहित दर्जनों सक्रिय घाट वॉकर्स मौजूद रहे।

इनपुट: अविनाश पांडे

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