वाराणसी में गंगा के किनारे पर स्थित गांव कैथी में आज एक सुरंग मिलने से सनसनी फ़ैल गई। इस गाँव में प्राइमरी स्कूल के बगल में स्थित अति प्राचीन पकड़ी के पेड़ के नीचे रहने वाले राम सेवक उर्फ़ पप्पू गिरी के यहाँ खुले में शौच से मुक्ति अभियान के अंतर्गत ग्रामसभा की ओर से शौचालय निर्माण कराया जा रहा है। शौचालय निर्माण के समय गड्ढा खोदने के कार्य में राम सेवक के पुत्र अंकित गिरी और सूरज गिरी लगे हुए थे।
ये है पूरा मामला
- गंगा के किनारे पर स्थित गांव कैथी में आज एक सुरंग मिलने से सनसनी फ़ैल गई।
- कैथी में राम सेवक उर्फ़ पप्पू गिरी के यहाँ खुले में शौच से मुक्ति अभियान के अंतर्गत ग्रामसभा की ओर से शौचालय निर्माण कराया जा रहा है।
- गड्ढा खोदने के कार्य में राम सेवक के पुत्र अंकित गिरी और सूरज गिरी लगे हुए थे।
- लगभग 5 फीट चौड़ाई का गड्ढा 5 फीट तक खोदा जा चुका था तभी अचानक गड्ढे की मिटटी धंस गयी।
- जिसमे सूरज गिरी फावड़े सहित उसमे गिर गया।
- सौभाग्य से पकड़ी के विशालकाय पेड़ की जड़ को पकड़ लेने के कारण अधिक गहराई में जाने से बच गया
- किन्तु फावड़ा अंदर चला गया।
- लोगों ने उसे बाहर निकाल लिया थोड़ी देर तक सुरंग से दमघोटू गैस निकलती रही।
- तो किसी ने अंदर घुसने का साहस नही किया।
- अंदर घोर अँधेरा सा दिख रहा था।
- 2 घंटे बाद टार्च और बल्ब की रौशनी से किसी प्रकार फावड़ा रस्सी में फंसा कर निकाला गया।
- सुरंग की चौड़ाई 3 फीट और गहराई अनुमानतः 20 फीट है।
- जो भीतर जाकर उत्तर दिशा की तरफ जाती प्रतीत हो रही है।
- इस सम्बन्ध में राम सेवक गिरी ने बताया कि उनका परिवार इस स्थान पर 5 पीढ़ी से आबाद था
- इसके पूर्व यह भूमि गाँव के ही दिनेश सिंह के परिवार की थी।
- आस पास के बड़े बुजुर्गों ने बताया कि इस स्थान पर कोई निर्माण, कुआं, पेड़ आदि कुछ कभी नही था।
- बात फैलने से लोग सुरंग के आस पास लोग जुटने लगे ।
- विभिन्न तरह की चर्चा जोरों पर हो रही है लोग इसे ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा बता रहे हैं।
- ज्ञातव्य है कि कैथी के आसपस के क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व रहा है।
- किसी समय समीप में ही चंद्रवती गाँव स्थित राजा डोमनदेव के किले से गंगा गोमती संगम कैथी तक सुरंग होने की चर्चा भी सुनाई देती थी।
- स्वामी सारदानंद के छद्मनाम से नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के कैथी में एक कन्दरा के अंदर रहने और सुरंग मार्ग का प्रयोग करने की भी चर्चा सुनाई देती है।
- कुछ वर्ष पूर्व प्राचीन काल के रत्न आभूषण और मुद्राएँ कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव घाट में गंगा नदी में मिली थी।
- जिसे पुरातत्व विभाग ने अध्ययन हेतु अपने कब्जे में ले लिया था।
- ग्रामीणों में चर्चा है कि संभव है कि काशी नरेश की टकसाल वाराणसी से सारनाथ होते हुए,
- राजा डोमन देव के किले से कैथी के रास्ते राजा की वाडी राजवारी गाँव तक जाने का भूमार्ग रहा होगा।
- जिससे खजाने का आवागमन होता रहा होगा।
- वैसे संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि 10 पीढ़ी पहले संभवतः यहाँ कोई जलस्रोत रहा हो।
- बहरहाल विभिन्न तरह की चर्चा और अफवाह क्षेत्र में चाय पान की दुकानों आदि पर हो रही है।
- ग्रामवासियों ने दूरभाष से जिले के अधिकारियों को सूचित करके पुरातात्विक जांच करने की मांग की है।
- जिससे इस रहस्य से पर्दा उठ सके।
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