आजमगढ़ मे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के बाद पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं, जहाँ पीएम मोदी 1000 करोड़ की 33 परियोजनाओं की सौगात काशी को देने वाले हैं. इस दौरान उन्होंने देश का नाम रौशन करने वाली बेटियों की तारीफ़ की.
पीएम मोदी का सम्बोधन:
-हर महादेव का किया उद्घोष, भोजपुरी में पीएम ने शुरू किया भाषण.
काशी के किसानन के ये भरल-पूरल माटी के हमार प्रणाम बा। आप सब अन्नदाता लोगन के भी हमार प्रणाम बा। आज भगवान जगन्नाथ की पूजा का दिन ह। रथयात्रा, मेला का आप सबन के बहुत-बहुत बधाइयां ह.
मैं सबसे पहले देश का गौरव बढ़ाने वाली एक बेटी का गौरवगान करना चाहता हूं। आप सबने देखा होगा कि असम के नौगांव जिले के एक गांव की बेटी हिमा दास ने कमाल कर दिया.
मैंने आज एक ट्वीट किया था। उस स्टेडियम में जो लोग कमेंट्री कर रहे थे, उनके लिए भी अजूबा था कि विश्व चैंपियंस को पछाड़कर हिंदुस्तान की बेटी हर सेकंड आगे बढ़ रही है। जिस एक्साइटमेंट से कमेंट्री कर रहे थे, उसे सुनकर किसी भी हिंदुस्तानी का सीना चौड़ा हो जाएगा.
देश की बेटियों की तारीफ़:
आपने देखा होगा कि हिमा दास अपने हाथ उठाकर तिरंगे की प्रतीक्षा में दौड़ रही थी। उसने तिरंगा लहराया, साथ ही असमिया गमछा भी गले में डाल लिया.
जब जन-गण-मन शुरू हुआ तो 18 साल की हिमा की आंखों से गंगा-यमुना बह रही थी। वह मां भारती को समर्पित थी। यह दृश्य सवा सौ करोड़ भारतीयों को नई ऊर्जा और प्रेरणा देता है.
मैं हिमा दास को अनेक-अनेक बधाइयां देता हूं और शुभकामनाएं देता हू्ं। आप सबसे भी मैं आग्रह करता हूं कि असम की हिमा का गौरवगान कीजिए.
New India के लिए एक नए बनारस का निर्माण हो रहा है, जिसकी आत्मा तो पुरातन ही होगी लेकिन काया नवीनतम.
जिसमें आध्यात्म भी होगा और आधुनिकता भी। जहां के कण-कण में संस्कृति और संस्कार होंगे लेकिन व्यवस्थाएं स्मार्ट होगी। बदलते हुए बनारस की ये तस्वीर अब चौतरफा दिखने लगी है.
आज जब हम उत्सव की तैयारी में जुटे हैं तो सबसे पहले उन परिवारों की पीड़ा भी साझा करना चाहता हूं जिन्होंने बीते दिनों पुल हादसे में अपनों को खोया है.
पुल हादसे पर सम्वेदना:
प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी पूरी संवेदना है। दूसरों की पीड़ा को साझा करना, सहयोग की भावना ही तो काशी की विशेषता है।
भोले बाबा जैसा भोलापन। हर किसी को समाहित करने वाला मां गंगा जैसा स्वभाव ही काशी की पहचान है.
सभास्थल के पास ही पेरिशेबल कार्गो केंद्र है, जो अब बनकर तैयार है.
इसका शिलान्यास भी मेरे द्वारा किया गया था और लोकार्पण का सौभाग्य भी मुझे मिला है.
ये कार्गो सेंटर यहां के किसानों के लिए बड़ा वरदान साबित होने वाला है.
अब फल-सब्जियों के सड़ने-गलने से नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
बनारस ही नहीं बल्कि गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक एक साथ प्रयास चल रहे हैं।
सिर्फ साफ सफाई ही नहीं, बल्कि शहरों की गंदगी गंगा में ना गिरे इसका भी प्रबंध किया जा रहा है।
इसके लिए अब तक लगभग 21 हजार करोड़ की 200 से अधिक परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है.