उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काशी ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ को उस वक़्त बड़ा झटका लगा, जब वरुणा कॉरिडोर अगस्त की बाढ़ में ही डूब गया।
योजना बनाने में कमी या भ्रष्टाचार?
- सूबे के वाराणसी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है।
- काशी में बन रहे सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट वरुणा कॉरिडोर की कलई समय से पहले ही खुल गयी है।
- गौरतलब है कि, निर्माणाधीन वरुणा कॉरिडोर अगस्त माह की बारिश की बाढ़ में ही डूब गया है, जबकि गंगा और वरुणा नदी में प्रायः सितम्बर महीने में बाढ़ आती है।
- अब इसे प्रशासन की कमी कहें या भ्रष्टाचार या योजना बनाने की कमी, फ़िलहाल सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट परिहास का विषय बन गया है।
- खुद सीएम अखिलेश के लिए भी ये चिंता का विषय होगा, जो जनता को सपा की उपलब्धियां गिनाने में दिन-रात एक कर रहे हैं।
विकास मॉडल के तहत रखी थी आधारशिला:
- सीएम अखिलेश ने वरुणा कॉरिडोर की नींव यूपी विकास मॉडल के तहत रखी थी, जिसे वो आगामी विधानसभा चुनाव में भुना सकें।
- सीएम को विश्वास था कि, कॉरिडोर के निर्माण के बाद से वरुणा नदी की सेहत सुधर सकेगी और काशी के लोगों को एक नया पर्यटन स्थल मिल जायेगा।
- लेकिन, फिलहाल सीएम की योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।
- वरुणा कॉरिडोर योजना में जरा सी चूक के चलते कॉरिडोर अगस्त की बाढ़ में ही डूब गया, जबकि गंगा और वरुणा नदी में मुख्य बाढ़ सितम्बर महीने में आती है।
- वहीँ बाढ़ में डूबने के बाद से वरुणा कॉरिडोर में लगे पेड़-पौधे खराब होने लगे हैं और घाटों की सीढ़ियों पर मिट्टी फ़ैल गयी है।
- वरुणा कॉरिडोर के निर्माण की शुरुआत से काशी के लोगों में उत्साह की लहर थी, जो अब निराशा में बदल गयी है।
छोटी सी चूक के चलते अपने उद्देश्य में पीछे रह गयी योजना:
- सीएम अखिलेश की वरुणा कॉरिडोर योजना एक छोटी चूक के चलते अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर पायेगी।
- जो कॉरिडोर पूरे साल आकर्षण का केंद्र होना चाहिए था, अब उसकी समयावधि अक्टूबर से मार्च महीने तक सीमित हो जाएगी।
- अगस्त-सितम्बर की बाढ़ से कॉरिडोर डूबा रहेगा, अक्टूबर में घाट पर आई मिट्टी की सफाई के बाद से मार्च तक यह ठीक स्थिति में रहेगा।
- मार्च के बाद वरुणा नदी खुद सिमट कर एक नाले का रूप ले लेती है।
- वहीँ एक्सपर्ट्स के अनुसार, वरुणा कॉरिडोर में ऊंचाई और कर्व का ख्याल नहीं रखा गया है, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है।
- सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की योजना में बाढ़ की अनदेखी से एक अतिमहत्वपूर्ण योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ चुकी है।