उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में पुलिस थाने पर तैनात तमाम जिम्मेदार थानों पर आने वाले फरियादियों की पीड़ा पर किस तरह दर्द का मरहम लगाते हैं। उसकी एक जीती जागती मिशाल बहराइच जिले के थाना जरवल के थानेदार मधुप नाथ मिश्रा की करतूत व्यवस्था की पोल खोलने के लिये खुद-ब-खुद काफी है। जबकि यू.पी. पुलिस के मुखिया DGP ओपी सिंह ने तमाम बार अल्टीमेटम के साथ इस बात के शख्त निर्देश दे चुके हैं कि थानों पर अपनी फरियाद लेकर आने वाले पीड़ित फरियादियों के साथ सलीके से पेश आया जाए। वहीं अपराधियों के साथ पुलिस का दोस्ताना रवैया किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उसके बावजूद बहराइच पुलिस का अपराधियों से सांठ गांठ और उनको संरक्षण देने का कल्चर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
कैबिनेट मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का है मामला
ताजा मामला सूबे के कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है। जहां के जरवल रोड थाने पर तैनात थानाध्यक्ष मधुपनाथ के ऊपर हत्या के मामले में नामजद 4 मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के बाद थाने के लॉकप में 4 दिनों तक हिरासत में रखने के बाद आरोपियों को छोड़ने के एवज में 5 लाख रुपये की रिश्वत लेकर हत्या के आरोपियों को हिरासत से भगाने का संगीन आरोप लगा है। मामले का खुलासा तब हुआ जब थाने का मुवायना करने पहुंचे देवीपाटन मंडल के DIG अनिल कुमार राय के सामने हाजिर होकर आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने 4 दिनों तक थाने में 4 आरोपियों को थानाध्यक्ष द्वारा बंधक बनाकर रखने की बात बतायी। जिसकी जानकारी होते ही DIG साहब भी अवाक रह गए। इस मामले में DIG साहब ने जांच के लिये CO कैसरगंज को जांच सौंपी है और जांच के आधार पर कड़ी कारवाही का आश्वासन दिया है।
दलित युवक की हत्या में नामजद हैं चारो आरोपी
मामला जरवलरोड थाना क्षेत्र के धौकलपुरवा गांव के रहने वाले 35 वर्षीय दलित बिरादरी के धर्मराज नाम के एक युवक की हत्या से जुड़ा हुआ है। यहां प्रेम नरायन के पुत्र धर्मराज (अनुसूचित जाति) की हत्या बीते 21 जून 2018 को कर दी गई थी। धर्मराज की लाश रिठौडा सपसा के मध्य विनोद के गन्ने के खेत में मिली। मृतक के पिता प्रेम नरायन के तहरीर पर बडे जद्दोजेहाद के बाद गुड्डू, पप्पू, किशन और बब्बू के विरूद्ध मुअस 120/18 ताजेरात हिन्द की धारा 302 व 3 (2) 5 अनुसूचित अधिनियम के विरूद्ध 23 जून 18 को पंजीकृत हुआ। मृतक के पिता प्रेम नारायन के अनुसार चारो नामजद आरोपियों को प्रभारी निरीक्षक मधुप नाथ मिश्र 22 जून 18 को हिरासत में ले लिया। उसके बाद कोतवाल अवकाश पर चले गए। वापस आते ही सभी आरोपियों से सौदेबाजी कर 27 जून 18 को थाने से रिहा कर दिया।
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अभियुक्तों के रिहाई के विरूद्ध मृतक का कुनबा 28 जून को एसपी सभाराज यादव से मिलकर उन्हें प्रार्थना पत्र सौंपा। मृतक के पिता प्रेम नारायन ने आरोपियों के रिहाई के बदले पांच लाख रूपये लेने का उल्लेख किया। बडबोले विधि विपरीत कारनामों को अंजाम देकर सुर्खियों में रहने वाले कोतवाल मधुपनाथ मिश्र के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक क्या रूख अपनाते है यह तो गर्भ की नियति में है। कोतवाल के इस कारनामें से खाकी निःसंदेह एक बार फिर शर्मसार हो गई। लेकिन योगी राज में पीड़ित परिवार को इंसाफ देने के बजाय 5 लाख की मोटी रकम वसूलने की लालच में आकर थानाध्यक्ष जरवल मधुपनाथ मिश्रा नियम कानून को ताख पर रख हत्यारोपियों से सौदेबाजी कर उनको बचाने की पूरी भूमिका अदा करते नजर आए।
पीड़ित परिवार ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार
इस मामले का खुलासा पीड़ित परिवार के लोगों ने उस वक्त किया जब वो इंसाफ का भरोसा लेकर बहराइच SP दफ्तर में पहुंचे। जहाँ उन्होंने थानाध्यक्ष के ऊपर आरोप मढ़ते हुए इस बात की तहरीर दी कि थानेदार ने उनके बेटे की हत्या करने वाले 4 आरोपियों को 4 दिनों तक हिरासत में रखने के बाद उनसे 5 लाख की रकम वसूल कर उन्हें थाने से भगा दिया। अब आरोपी पीड़ित पक्ष के पूरे परिवार को जान से खत्म कर अदालत में सरेंडर करने की धमकी दे रहे हैं। जिससे मृतक का परिवार डरा और सहमा हुआ है। वहीं इस मामले को SP बहराइच सभाराज ने भी काफी संगीन मामला करार देते हुए मामले की जांच SP ग्रामीण से कराकर शख्त से शख्त कारवाही का भरोसा पीड़ित परिवार को दिलाया है। अब देखना है कि रुपये की खातिर नियम कानून का गला घोंटकर हत्यारोपियों को हिरासत से बरी करने वाले आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ किस तरह का एक्शन होता है। पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि थाने की पुलिस न तो उन्हें पोस्ट मार्टम रिपोर्ट दे रही है और न ही उनकी सुनवाई कर रही है। शिकायत करने के बाद से थाने की पुलिस पीड़ित परिवार को दबाव में लेने के लिये तरह तरह से टार्चर कर रही है।
इससे पहले भी थानाध्यक्ष पर लग चुके हैं गंभीर आरोप
थानाध्यक्ष जरवल मधुपनाथ का ये कोई पहला मामला नहीं, दबंगई और बेअंदाजी इस खाकीधारी की पहचान बन चुकी है। जिसका प्रमाण यही है कि बीते दिनों एक दलित बिरादरी से जुड़े एक रिटायर्ड UP पुलिस के दरोगा के बेटे को थाने में थर्ड डिग्री देने का आरोप मधुपनाथ के ऊपर लग चुका है। जिसको लेकर रियायर्ड दरोगा सहित उसका पूरा परिवार करीब 1 माह तक DM आफिस के सामने धरना दे चुका है।लेकिन ऊंची पहुंच और वजनी पेपर वेट के बल पर कार्रवाई की पत्रावली आज तलक ठंडे बस्ते में धूल फांक रही है। वहीं अब ये एक बार फिर एक दलित युवक की हत्या से जुड़ा मामला सामने आया है जिसमें हत्यारोपियों से 5 लाख लेकर उन्हें आजाद करने करने खुला फरमान सुना दिया गया। जबकि बहराइच जिले में पहली बार दौरे पर आए गोरखपुर जोन के ADG दावा शेरपा ने साफ तौर पर भरोसा दिलाया था कि अपराधियों से सांठ गांठ करने वाले पुलिस कार्यवाही करेगी।