उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ फिर शर्मसार हुई है। ग्रामीण इलाके तो दूर शहर में भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। एक महिला एसएसपी होने के बाद भी मंजिल सैनी अपराध नियंत्रण में फेल हो रही हैं। 11 साल पहले 02 मार्च 2005 को चलती कार में किशोरी के साथ हुए गैंगरेप कांड को लोग अभी तक भूल नहीं पाए थे कि इसी थाना क्षेत्र में गुरुवार की रात फिर एक 7 साल की किशोरी दरिंदगी की शिकार हो गई।
मासूम को टॉफी दिलाने के लिए बहाने से बुलाया
दरिंदे ने मासूम को टॉफी दिलाने के लिए बहाने से बुलाया और अगवा करके झाड़ियों में उसे हवस का शिकार बना दिया। मासूम अब राजकीय लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से उसे क्वीन मेरी अस्पताल रेफर कर दिया गया यहां वह जिंदगी की जंग लड़ रही है। हलाकि पुलिस ने आस-पास के और स्मृति प्लाजा मार्केट के सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन पुलिस अभी तक दरिंदे का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। मौके पर डॉग स्क्वायड की टीम ने भी पड़ताल की लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।