यूपी के सहारनपुर जिले से रेफर होकर मेरठ मेडिकल कॉलेज लाये गए सहारनपुर हिंसा के आरोपी चंद्रशेखर उर्फ रावण ने कहा कि जब भगत सिंह मौत से नहीं डरे तो वह रासुका से कैसे डर सकता है। अगर कोई रासुका से भी बड़ा कानून हो तो सरकार उस पर लगा दें, वह डरने वाला नहीं है। आखिरी दम तक संघर्ष करेंगे, जब तक लहू का कतरा है संघर्ष करते रहेंगे और डरेंगे नहीं। (Bhim Army)
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चार दिन पहले लगाई गई रासुका
- आपको बतादे के मेरठ मेडिकल अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. अजीत चौधरी ने बताया कि चंद्रशेखर उर्फ रावण को रात करीब साढ़े नौ बजे मेडिकल अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया।
- उसे ट्रॉमा में रखा गया है।
- चिकित्सक डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य और डॉ. अनुज शर्मा देख रहे हैं।
- जहां करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी उसकी सुरक्षा में लगे हुए हैं।
- चार दिन पहले ही सहारनपुर हिंसा के आरोपी भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को रासुका लगाई गई थी।
- uttarpradesh.org के संवाददाता सादिक खान से एक्सक्लूसिव बात करते हुए भीम आर्मी सेना के देवबंद जिला अध्यक्ष दीपक बौद्ध का कहना है कि चंद्रशेखर भाई की कंडीशन बहुत खराब हो चुकी है।
- वो रात से कुछ बोल भी नहीं सकते, तराना कुछ पिछले दस दिनों से कुछ नहीं खाया।
- उनकी आंतो में जख्म बन चुके है और हाथों में सूजन आ रही है।
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महापंचायत कर रहे समर्थक
- प्रशासन हमें उनसे मिलने भी नहीं दे रहा है हम कल यानि 9 तारीख को एक महापंचायत कर रहे हैं।
- जिसकी एसएसपी परमिशन दे दी है।
- शहर के लोगों को ही परमिशन दी है।
- हम लोगों ने निर्णय लिया है के जो भी जिस जिले से जहां से भी पंचायत में आना चाहता हो वह अपने ही जिले में पंचायत करें और प्रशाशन को ज्ञापन दे।
- साथ ही कहा कि हमारे भाई कि सारे मामलों में बेल हो चुकी थी।
- सारे मुकदमा में बेल हो चुकी थी।
- हाई कोर्ट द्वारा प्रशासन ने उसी दिन भाई पर रासुका लगा दी और सरकार नहीं चाहती कि हमारे बड़े भाई जेल से बाहर निकले।
- सरकार की दमनकारी नीति के कारण हम महापंचायत करेंगे हमारी मांग है कि भाई के ऊपर से पहले झूठे मुकदमे हटाए जाये और उन्हें रिहा किया जाये।
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प्रशासन नहीं चाहता कि भाई आये जेल से बाहर
- सहारनपुर हिंसा के आरोपी चंद्रशेखर उर्फ रावण के भाई भगत सिंह ने कहा कि प्रशासन नहीं चाहता है।
- भाई जेल से बाहर न निकलें।
- क्योंकि चुनाव का वक्त है कभी कुछ हो जाये, हम सब इतना कहना चाहता शासन प्रशासन संविधान का ध्यान रखते हुए हमारे भाई को बहार निकाल दे।
- साथ उन्होंने आरोप लगाए के हमारे भाई को 22 दिनों से बुखार था।
- नॉर्मल बुखार भी इंसान को एक दिन में तोड़ देता है।
- लेकिन भाई को 22 दिन पुरे होने के बाद प्रशासन जागा और मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भाई को रेफर किया है।
- जेल में भी भाई को कोई इलाज नहीं मिला है, जेल प्रशासन की भी बहुत बड़ी लापरवाही है।
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