नई सरकार बनी थी उसका सबसे बड़ा (Noida Development Authority) नारा था, कि प्राधिकरण में फैले भ्रष्टाचार को वो दूर कर देगी। लेकिन शायद वो नारा सिर्फ नारा रह गया है। क्योंकि नोएडा विकास प्राधिकरण मे एक ऐसा भ्रष्टाचार और कारनामा सामने आया है जो आजतक नहीं नहीं हुआ।
- नोएडा अथारिटी ने अपने करीबियों को एक आधे अधूरे प्रोजेक्ट को रेरा कानून से बचाने के लिए कम्पलीशन सर्टीफिकेट दे डाला।
- वो भी उस प्रोजेक्ट को जिसका पूर्व डायरेक्टर सीबीआई की लिस्ट में आरोपी है।
- आकृति शांति निकेतन प्रोजेक्ट जिसका काम नोएडा के सेक्टर-143 बी में चल रहा है।
- आधे से ज्यादा ये बिल्डिंग बन चुकी है लेकिन उस प्रोजेक्ट में कुछ ऐसा हुआ की उसने प्राधिकरण की पोल खोल कर रखी दी।
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क्या है पूरा मामला?
- जरा गौर से देखिए इस बिल्डिंग में बिजली का पूरा काम बाकी है।
- निर्माण कार्य अभी भी जारी है, निर्माण सामग्री की सप्लाई अभी जारी है।
- लेकिन इस प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार (Noida Development Authority) की अथॉरिटी ने कम्पलीशन सार्टीफिकेट दे दिया।
- हम आपको बता दें कि कम्प्लीशन सर्टीफिकेट तब जारी होता है जब बिल्डिंग का काम पूरा हो चुका होता है।
- पजेशन देने के लिए बिल्डर तैयार हो।
- अफसर मुआयाना करते है बिजली, पानी रास्ते सभी की एनओसी लेकर नोएडा अथारिटी कपलीशन जारी करती है।
- लेकिन यहां पर इस बिल्डर को रेरा कानून से बचाने के लिए कुछ दिन पहले इसका कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया।
- नियम और कानून को ताक पर रख दिया गया।
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- आइये आपको बताते हैं कि ये पूरा खेल कैसे खेला गया।
- दरअसल इस प्रोजेक्ट से नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का सीधा लगाव है।
- कुछ महीने पहले अरविंद केजरीवाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेन्द्र कुमार को सीबीआई ने अरेस्ट किया था।
- सीबीआई ने राजेन्द्र कुमार के साथ अशोक कुमार नाम के एक और शख्स को गिर्फतार किया था।
- वो भी राजेन्द्र कुमार के साथ घोटाले मे शामिल था।
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- अशोक कुमार इसी आकृती शांती निकेतन का डायरेक्टर था।
- लेकिन सीबीआई से आरोपित होने के बाद उसे इस कंपनी से अपना पद छोड़ना पड़ा।
- लेकिन वो पर्दे के पीछे से कंपनी का सारा काम देखता है।
- राजेन्द्र कुमार और नोएडा अथारिटी के कुछ अधिकारी मिलकर पैसे डकारने की मंशा के चलते सभी नियम कानून को ताक पर रख दिया।
- इस प्रोजेक्ट को रेरा कानून से बचाने के कंप्लीशन सर्टीफिकेट दे डाला।
- ये एक बहुत बड़ा सिंडीकेट है जिसमें व्यापारियों और अधिकारीयों का गठजोड़ चलता है।
- जिसमें अधिकारी अपने साथी को (Noida Development Authority) व्यपारी के अवैध कारोबार में मदद कर उनको लाभ पहुचाते हैं और खुद भी फायदा उठाते हैं।
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