मिर्जापुर: जिसे की कभी पीतल नगरी के नाम से जाना जाता था क्योकि यहाँ के बने पीतल के बर्तन न सिर्फ आस पास के जनपद वरन सुदूर प्रान्त बिहार बंगाल तक बिकने के लिए जाया करते थे और हजारों लोगो के जीविकोपार्जन इस पर निर्भर था पर समय के साथ यहा के व्यापारी न चल सके तो आज पीतल नगरी मुरादाबाद हो गया ।
क्या है पूरा मामला :
- आज भी बर्तन उद्द्योग यहाँ के लोगो और बर्तन के व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों और मजदूरो के जीवोकोपार्जन का मुख्य साधन है ।
https://youtu.be/P6xyaU7ibok
- परन्तु मोदी सरकार के नोट बंदी के फैसले के बाद से यहाँ के इस मुख्य व्यापार पीतल बर्तन उद्योग को वर्तमान में लगभग समाप्त ही कर दिया है ।
- कारन लोगो के पास नगदी ही नहीं है शादी विवाह के समय में खाली न रहने वाले दुकानदार आज बैठ कर ग्राहक की राह देख रहे है ,
- सारा सारा दिन बित जाने पर भी कभी कोई ग्राहक आया कभी नहीं आया
- जिससे की उनकी व्यापर बिलकुल ठप्प हो गया है बर्तन का निर्माण करने वाले थोक व्यापारियों की हालात तो और भी ख़राब है
- उन्होंने लगन के सीजन को देखते हुए अपनी समस्त पूजी और बैंक ओवरड्राफ्ट से धन निकालकर कच्चा मॉल ख़रीदा
- और भारी संख्या में बर्तन तैयार करवा लिए पर अब जबकि लगन ख़त्म होने को है उनका तैयार मॉल अब भी उनके गोदामो में पड़ा हुआ है ।
- कारन जब फुटकर दुकानवालों के यहाँ ग्राहक नही है और उनका ही मॉल नहीं बिक रहा है
- तो वो और माल क्यों ख़रीदे, बाहर से आने वाले व्यापारी भी नगद रूपये के आभाव में मंडी में नहीं आ रहे है ।
- सारे बड़े नोट बैंक में जमा हो गए है और अब उन्हें निकलना मुश्किल हो गया है
- जिससे की घर के खर्चे और दैनिक मजदूरो को दी जाने वाली मजदूरी के लिए भी पैसे नहीं है ।
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