लखनऊ के योजना भवन में पेयजल को लेकर महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई. इस वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में पूरे यूपी के अलग-अलग जिलों से सीधे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेय जल संबंधी परियोजनाओं की चर्चा की गई. इस वीडियो कांफ्रेंस की अध्यक्षता यूपी के ग्राम्य विकास मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने की जबकि साथ में जल निगम एमडी, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास और जल निगम के कई मुख्य अधिकारी मौजूद रहे. इस महात्वपूर्ण वीडियो कांफ्रेंसिंग का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के गांव में हो रही पेयजल की समस्या को जल्द से जल्द दूर करना जिससे आगामी महीनों में पेय जल की समस्या न हो.
रुकी हुई योजनाओं को मिले गति
उत्तर प्रदेश में कई ऐसी परियोजनाएं हैं जो बनकर तैयार हो गई है लेकिन तीव्र गति प्राप्त नहीं हो पा रही है ऐसी बंद परियोजनाओं को चलायमान कर तीव्र गति करना देना और साथ ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को हिदायत दी गई कि 31 मार्च 2018 तक जिन जिलों में कार्य पूरा नहीं होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. खासकर बुंदेलखंड,मिर्जापुर,चंदौली, सोनभद्र ,भदोही, इलाहाबाद, कौशांबी, प्रतापगढ़, कानपुर, आगरा, फिरोजाबाद और मथुरा जिलों को लेकर भी कार्य योजना पूरी तरह से तैयार कर पेय जल की समस्या और मार्च के पहले ट्यूब रिबोर की समस्याओं का समाधान करने पर विचार हुआ.
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वीडियो कांफ्रेंसिंग को लेकर बोले महेंद्र सिंह
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाप्त होने के बाद ग्राम्य विकास मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पेयजल की समस्या को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई. विशेष रुप से बुंदेलखंड और उनसे लगे हुए जिलों पर और जो वर्ल्ड बैंक की स्कीम चल रही है, उनको समय से पूरा करना और जो आगे चलने वाली स्क्रीमें उनको भी समय से शुरुआत करना. इसके लिए आज की मीटिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग थी. इसमें विशेष रुप से जेई और एईएस प्रभावित जिले है उन सबको 31 मार्च के पहले पूरे करके जनता के सुपुर्द करना है, जिससे स्वच्छ पेयजल लोगों को उपलब्ध हो सके.
पेयजल की समस्या से निपटने के हो रहे उपाय
आज की यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बहुत ही महत्वपूर्ण थे. हमारे जितने भी लोग फील्ड में काम कर रहे हैं. उनके साथ बातचीत हुई है और सभी लोगों ने संकल्प लिया है कि 31 मार्च तक सभी परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा. फेज टू की परियोजनाएं 31 मार्च के पहले उनका शुभआरंभ कर देंगे, जितनी भी परियोजनाएं थी उन सब पर पैसा दे दिया गया है और सभी परियोजनाएं तीव्र गति से चलेंगे और समय से पूरा होंगे.