स्थानीय थाना स्तर पर कोई सुनवाई ना होने से परेशान जनता सुबह से ही न्याय की उम्मीद लगाए पुलिस कार्यालय में बैठी थी। लोगों को उम्मीद थी कि नए कप्तान से मिलकर अपनी समस्याएं बताएंगे। लेकिन उनकी यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी और वह निराश होकर लौट गए। कारण यह था कि कप्तान अपना कार्यभार ग्रहण कर रहे थे और मीडिया से मुखातिब हो रहे थे। लेकिन यह सिलसिला तो कुछ ही समय चला लेकिन कप्तान फरियादियों की समस्याएं बिना सुने ही चले गए।

केस नंबर एक- नगराम थानाक्षेत्र के देवती गांव में रहने वाले महेश कुमार ने बताया कि पिछली 14 अप्रैल को वह खेत की रखवाली करने गया था। तभी गांव के ही रामपाल, मानसिंह, उदय प्रताप व सूर्यपाल ने उसके ऊपर कातिलाना हमला कर दिया। इसमें उसका सिर फट गया और बांह तक टूट गई, पुलिस ने केवल मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन अपराधियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की वहीं, दबंग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने इन दबंगों से 50 हजार रुपये ले लिए तभी कार्रवाई नहीं कर रही। पीड़ित गरीब है इसलिए उसकी कोई सुनने वाला नहीं है इसलिए वह एसएसपी से न्याय की उम्मीद लगाकर कप्तान के कार्यालय पहुंचा था।

https://youtu.be/PEuQT6ZnuPs

केस नंबर दो- गोमतीनगर के ग्वारी गांव में रहने वाले राम चंदर ने बताया वह इस गांव में 2007 से रह रहा है। लोगों को परेशानी ना हो इसलिए उसने दीवार तोड़कर अंदर पिलर बनाकर मकान बनाया ताकि लोगों को परेशानी ना हो। पीड़ित का कहना है कि दूसरे पक्ष के रामखेलावन यादव और उनके दामाद देशराज और उनके चार लड़के ससुराल में सरकारी नाली तोड़कर अपना घर बना लिया इससे पूरे मोहल्ले को निकलने में दिक्कत होती है। पीड़ित ने बताया पूर्व थाना प्रभारी गोमतीनगर से कई बार शिकायत की लेकिन उन्होंने एक ना सुनी। परंतु नए थानाध्यक्ष विजयमल यादव ने पीड़ित की बात सुनी और मौके पर एक दरोगा को भेजा तो वह उल्टा ही पीड़ित को धमकाने लगा। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई ना होते देख पीड़ित एसएसपी के कार्यालय पहुंचा लेकिन निराशा ही हाथ लगी।

ssp office lucknow Crowds of victims

केस नंबर तीन- जानकीपुरम थाना क्षेत्र के मुस्लिम नगर के रहने वाले रियासत ने बताया कि उसे एक ड्राइवर नाम के आदमी ने चार अज्ञात लोगों के साथ मिलकर बेरहमी से पीटा। मारपीट में पीड़ित लहूलुहान हो गया उसके सिर और कान से खून तक निकला। पीड़ित ने जब घायल अवस्था में पुलिस की मदद के लिए 100 नंबर डॉयल किया फिर भी पुलिस नहीं आई। पीड़ित जब जानकीपुरम थाने पहुंचा तो एक सिपाही साथ में गया और 100 रुपये आरोपी से दिला दिए। आरोपी पीड़ित को धमकी दे रहा है कि तुम्हारा मुंह तोड़ देंगे मेरा कुछ नहीं होने वाला। पीड़ित ने पुलिस को भी तहरीर दी लेकिन पुलिस द्वारा सुनवाई ना होने से वह कप्तान के की गुहार लगाने पहुंचा लेकिन उसे सहायता नहीं मिली।

ssp office lucknow Crowds of victims

कार्यालय में बैठने तक को जगह नहीं

एसएसपी कार्यालय भले ही शानदार बना हो लेकिन यहां आने वाले फरियादियों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। नतीजन बुजुर्ग, महिलाएं और कई पीड़ित घंटों जमीन में बैठे साहब का इंतजार करते हैं लेकिन साहब से मिलना उन्हें दूर की कौड़ी ही नजर आता है।

ssp office lucknow Crowds of victims

कप्तान के कार्यालय में रोजाना सैकड़ों फरियादी मोहनलालगंज, इटौंजा, नगराम, निगोहा, बंथरा, सरोजनीनगर, बीकेटी, जानकीपुरम, गुडंबा, चिनहट, सहित कई क्षेत्रों के आते हैं। यह फरियादी पुलिस के मुखिया से न्याय की काफी आस लेकर आते हैं लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगती है। यह आंकड़े तो महज बानगी के लिए काफी हैं लेकिन पुलिस कार्यालय में रोजाना सैकड़ों मामले रोज आ रहे हैं जो पुलिस की कार्यशैली बताने के लिए काफी हैं।

ssp office lucknow Crowds of victims

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें