पंजाब की नाभा जेल ब्रेक के आरोपी गोपी घनश्याम को छुड़ाने के मामले में गिरफ्तार संदीप तिवारी उर्फ़ पिंटू के द्वारा यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी को पचास लाख रुपये आरोपी को छुड़ाने के लिए दिए जाने के मामले में (dgp statement) डीजीपी सुलखान सिंह ने बयान दिया है। बता दें कि पिंटू को शनिवार को एटीएस व पंजाब पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया था। पुलिस उसके तार आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जोड़ रही है।
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क्या बोले डीजीपी
- इस मामले में डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है।
- एक पुलिस अधिकारी ने इस तरह का कृत्य करके वर्दी को शर्मसार किया है।
- उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को सौंपी गई है।
- वह पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि इस बातचीत की रिकार्डिंग भी शासन को सौंपी गई है।
- पत्रकारों के नाम बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी नाम बताना उचित नहीं होगा।
- अभी ये अधिकारी अपने पद पर भी बने रहेंगे।
- फ़िलहाल ये जांच का विषय है।
- जांच के बाद आगे की कार्रवाई (dgp statement) की जा रही है।
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आरोपी आईपीएस के समर्थन में आए डीजीपी
- आतंकी छोड़ने के बदले घूस लेने का मामले में आरोपी आईपीएस के समर्थन में डीजीपी आ गए हैं। डीजीपी ने बयान दिया कि आईजी पद पर बने रहेंगे।
- उन्होंने कहा कि जांच के बाद फैसला होगा, पंजाब पुलिस के सबूतों की जांच होगी।
- बाद में एक्शन लेंगे। बता दें कि एसटीएफ पर घूस लेकर आतंकी छोड़ने का आरोप है।
- आईजी को बचाने के लिए पूरा मोहकमा लगा हुआ है।
- पंजाब पुलिस ने सबूत की सीडी भेजी है।
- एसटीएफ पर आरोप इतना गंभीर है लेकिन आरोपी आईपीएस पद पर बने रहेंगे।
- इस खुलासे को डीजीपी ने हां माना और कहा कि ऑडियो रिकार्डिंग की सीडी मिली है।
तीन दिन की रिमांड पर पिंटू
- अमृतसर पुलिस ने पिंटू को अदालत में पेश करने के बाद तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
- सूत्रों के मुताबिक, पिंटू ने कुछ दिन पहले ही यूपी पुलिस ने गोपी घनशामपुरा को शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई।
- उसे छुड़ाने के लिए अमृतसर जेल में बंद गैंगस्टर बलजिंदर सिंह उर्फ ढोनी के कहने पर शराब कारोबारी रंधीप सिंह उर्फ रिंपल पचास लाख रुपये का बंदोबस्त कर रहा था।
- इसी में संदीप तिवारी उर्फ पिंटू का भी नाम सामने आया।
- सूत्रों का यह भी कहना है कि पिंटू के जरिए ही उप्र पुलिस के अधिकारी को पैसे पहुंचाए जाने थे।
- इतना ही नहीं पिंटू ने सुलतानपुर के साथ-साथ लखनऊ में भी अपना स्थाई ठिकाना बना रखा है।
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एटीएस के चीफ आईजी कर रहे मामले की जांच
- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से पकड़े गए नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी गैंगस्टर गोपी घनशामपुरा को छुड़ाने के लिए एक बड़े पुलिस अधिकारी से डील की गई थी।
- विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस बड़े अधिकारी के साथ ये डील पूरी भी हो चुकी है।
- गिरफ्तार किए गए शराब कारोबारी रंधीप सिंह रिंपल, उप्र के अमनदीप सिंह और हरजिंदर सिंह काहलों ने ज्वाइंट इंटेरोगेशन के दौरान यह जानकारी दी।
- सूत्रों ने ये भी बताया कि पिंटू तिवारी (dgp statement) के माध्यम से पैसे उत्तर प्रदेश पुलिस के एक बड़े अधिकारी तक पहुंचाए जाने थे, ताकि गैंगस्टर घनशामपुरा को छुड़ाकर पंजाब लाया जा सके।
- हालांकि जांच में जुटे अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
- घनशामपुरा को छोड़ दिया गया है या नहीं इसे लेकर पूछताछ अभी जारी है।
- ढोनी ने जेल से ही शराब कारोबारी रिंपल से पैसों की बात की थी। गोपी को छोड़ने की डील पहले एक करोड़ रुपये में हो रही थी।
- लेकिन बाद में यह पचास लाख में फाइनल हुई।
- रिंपल के बाद यह डील रूबल नाम के गैंगस्टर के जरिए उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत निवासी हरजिंदर सिंह काहलों और रुद्रपुर के अमनदीप सिंह के जरिए हो रही थी।
- अमनदीप और हरजिंदर ने रिंपल की मुलाकात कांग्रेस नेता पिंटू तिवारी से करवाई थी।
- जिसकी सूचना कुछ दिन पहले खुफिया एजेंसी ने पंजाब पुलिस के साथ शेयर की।
- इसके बाद पंजाब पुलिस ने पहले रिंपल, उसके साथी गुरप्रीत और फिर उत्तर प्रदेश से पिंटू तिवारी, अमनदीप सिंह और हरजिंदर सिंह को पकड़ लिया।
- एटीएस के चीफ आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह मामले की (dgp statement) जांच कर रहे हैं।
https://youtu.be/bgTgMkT2d3g
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.