राजधानी के कैसरबाग इलाके में बर्लिंगटन चौराहे पर चल एफआई अस्पताल (FI Hospital Sealed) में मरीज को बंधक बनाकर उससे 20 लाख रूपये रंगदारी मांगने की काली करतूत की खबर सबसे पहले ब्रेक कर uttarpradesh.org ने ‘FI अस्पताल में युवक को बनाया बंधक, मांगे 20 लाख रूपये!’ नामक शीर्षक से खबर पिछली 11 जून को प्रकाशित कर अस्पताल प्रशासन के कारनामें उजागर किये थे।
- हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए सीएमओ ने जांच के आदेश देकर मजिस्ट्रेड की निगरानी में एक टीम गठित की।
- जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार को छापेमारी कर अस्पताल की तलाशी ली तो कर्मचारी कमरे बंद करके भाग गए।
- इसके बाद टीम ने अस्पताल को सील कर दिया।
#लखनऊ का चर्चित FI हॉस्पिटल हुआ सीज। @sidharthnsingh @CMOfficeUP pic.twitter.com/hF7PwhkLKD
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FI अस्पताल में युवक को बनाया बंधक, मांगे 20 लाख रूपये!
क्या है पूरा मामला
- सीतापुर जिले के रहने वाले अनूप कुमार ने बताया कि उसके चचेरे भाई मनोज कुमार (15) का कुछ दिन पहले सीतापुर के लहरपुर में मतुआ चौराहे पर एक्सीडेंट हो गया था।
- इस हादसे में पीड़ित मनोज कुमार के सर में गंभीर चोटें आ गयी।
- मनोज के माता-पिता नहीं हैं, अनूप का परिवार ही उसका पालन-पोषण करता है।
- हादसे के बाद आनन-फानन में उसे सीतापुर में एडमिट किया गया।
- जहां से उसे ट्रामा सेण्टर रिफर किया गया।
- फिर वहां ठीक से इलाज न मिलने पर उसने एक निजी अस्पताल में भाई का इलाज कराने के लिए भर्ती कराया।
#लखनऊ एफआई अस्पताल पर सीएमओ व मजिस्ट्रेट का छापा, गड़बड़ी को लेकर कई शिकायतों के बाद कार्यवाई। pic.twitter.com/quwAA4UfCJ
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गाड़ी भगाई तो सिपाही खिंचा चला गया, दारोगा ने युवक को पीटा!
- अनूप का आरोप है कि हॉस्पिटल के डॉक्टर ने कहा कि 20 लाख रुपये लेकर आओ तुम्हारा भाई एक हफ्ते में ठीक हो जायेगा।
- भाई को बचाने के लिए अनूप ने अभी तक 7 लाख रुपये एफआई हॉस्पिटल को दे दिए हैं।
- लेकिन उसके भाई की हालत में कोई सुधार नहीं आया है।
- इसी के चलते रविवार को हॉस्पिटल के स्टाफ़ ने पीड़ित को हॉस्पिटल में बंधक बना लिया।
- आरोप है कि अस्पताल का स्टाफ कह रहा है कि जब तक 20 लाख रुपये पूरे नहीं मिल जाते तब तक जाने को नहीं मिलेगा।
- पीड़ित तीमारदार का कहना है कि भाई को बचाने के लिए मुश्किल से अपना खेत और अनाज बेंच कर सात लाख रूपये इकट्ठा किये और डॉक्टर को दिए लेकिन फिर भी डॉक्टर और पैसे मांग रहा है।
- अब उसके पास कुछ नहीं बचा जबकि भाई की हालत में भी कोई सुधार नहीं है।
- अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि धरती के भगवान कहे जाने वाले इन संवेदन हीन डॉक्टरों को कोई और नाम दिया जाये तो गलत नहीं होगा।
- डॉक्टर रुपी हैवान किसी की जान की परवाह के बिना पैसों को अहमियत दे रहे हैं।
- छापेमारी (FI Hospital Sealed) के बाद से अस्पताल का डॉयरेक्टर फरार है।
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#लखनऊ एफआई अस्पताल पर सीएमओ व मजिस्ट्रेट का छापा, बंद कमरों को खुलवाकर तलाशी लेने का काम जारी। pic.twitter.com/cjku3IfHfq
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