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कहा जाता है कि पुलिस अगर अपनी पर उतर आये तो पाताल में छिपे बैठे व्यक्ति को भी ढूंढ निकाल लेती है। पिछले कई दिनों से पुलिस को चकमा देकर अंडरग्राउंड हुए गैंगरेप और यौन शोषण के आरोप में घिरे सपा के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को काफी दबिश के बाद लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

https://youtu.be/FMKVYBDPXBg

  • गायत्री केस में एडीजी कानून एवं व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि महिला ने को आरोप लगाए थे इस मामले में जिन सात आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज था उन सभी आरोपितों की गिरफ्तारी कर ली गई है।
  • वहीं इस मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे को हिरासत में लेकर जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की इसके बाद से गायत्री कोर्ट में आत्मसमर्पण करने की तैयारी कर रहा था।
  • एसएसपी ने बताया कि गायत्री जिन नंबरों का प्रयोग कर रहा था उनके आधार पर पुलिस टीम उसके पीछे लगी थी।
  • उन्होंने बताया इसकी सूचना पुलिस को मिली तो उसे सुबह तड़के करीब 6:00 बजे आशियाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया।
  • हालांकि सूत्रों के मुताबिक कलकत्ता जाते समय पुलिस ने एसटीएफ के साथ मिलकर उसकी गिरफ्तरी की है।
  • उन्होंने बताया कि गायत्री की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
  • एसएसपी ने बताया कि गायत्री को मेडिकल के लिए लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे मेडिकल कराने के बाद गायत्री प्रजापति को जिला जज की कोर्ट में पेश किया गया।
  • इसके बाद उसे हजरतगंज कोतवाली ले जाया गया जहां उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस पूछताछ कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

खातिरदारी में जुटी रही पुलिस

  • भले ही सपा सरकार में यूपी पुलिस ने गायत्री की गिरफ्तारी ना कर पाई हो और भाजपा की सरकार बनते ही गिरफ्तारी करके वाहवाही लूटी हो।
  • लेकिन गायत्री की हनक भाजपा सरकार में भी कम नहीं हुई।
  • आलमबाग कोतवाली में पुलिस ने गायत्री की खूब खातिरदारी की।
  • कुछ देर की पूछताछ के बाद गैंगरेप के आरोपी गायत्री को पुलिस सुरक्षा के बजाय उसके निजी सिक्योरिटी के साथ कोतवाली से बाहर निकाला गया।
  • वैसे तो आरोपी को पुलिस हिरासत में ले जाना चाहिए था लेकिन पुलिस उसे मेडिकल करवाने के लिए लग्जरी कार में ले गई।
  • इसके बाद उसे पुलिस ने जिला जज की कोर्ट में पेश किया।

सातों आरोपी हो चुके गिरफ्तार

  • यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस ने अब तक गैंगरेप के सातों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
  • इनमें पिछले दिनों यूपी एसटीएफ ने नोयडा से अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को गिरफ्तार किया था।
  • जबकि गायत्री के गनर चंद्रपाल को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
  • वहीं ऑपरेशन गायत्री के तहत लखनऊ पुलिस ने गायत्री के साथ नामजद 3 आरोपी रुपेश, विकास वर्मा, पिंटू उर्फ अमरेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया।
  • जबकि मंगलवार को ही पुलिस ने गायत्री के बेटे अनुराग प्रजापति और भतीजे अनिल प्रजापति को हिरासत में लिया था।
  • गायत्री के बेटे और भतीजे को भी हिरासत में लेकर पुलिस ने उनके खिलाफ अपराधी को शरण देने के आरोप में आईपीसी की धारा 216 के तहत कार्रवाई की गई।
  • वहीं गायत्री की गिरफ्तारी के लिए पुलिस धारा 82, 83 के तहत उसकी चल अचल संपत्ति कुर्क करने की भी तैयारी कर रही थी।
  • इसकी दहशत में आकर गायत्री आत्मसमर्पण करने की तैयारी में था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

महिला पार्षद ने लगाया था आरोप

  • बता दें कि परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत 7 लोगो के खिलाफ लखनऊ के थाना गौतमपल्ली में रेप, गैंगरेप और नाबालिग के साथ रेप के प्रयास का मामला दर्ज है।
  • सत्ता के प्रभाव से मामले में पुलिसिया कार्रवाई कछुए की चाल की तरह चल रही थी।
  • बता दें कि इस मामले में चित्रकूट जिले की एक पार्षद ने मंत्री गायत्री समेत उनके गुर्गों पर सामूहिक बलात्कार के साथ ही बेटी के साथ भी यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
  • इस मामले की शिकायत पीड़िता ने जनपद स्तर से लेकर सूबे के पुलिस अधिकारियो से की थी लेकिन मंत्री के दबाव के चलते आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था।
  • हालांकि इस मामले में सीबीसीआईडी की जांच चल रही थी।
  • लेकिन इस जांच से महिला संतुष्ठ नहीं थी।
  • इसके चलते आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट की मदद लेनी पड़ी थी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाईं थी इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।
  • इस आदेश का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने विधिक राय लेने के बाद मौजूदा परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
  • आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंन्द्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में अपराध संख्या 29/11 आईपीसी की धारा 376 डी महिला के साथ गैंग रेप, 376/511 महिला की बेटी के साथ रेप का प्रयास, 504,506 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
  • गायत्री की गिरफ्तारी ना होने से कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट भी जारी कर दिए थे।
  • पुलिस गायत्री की गिरफ्तारी के छापेमारी भी कर रही थी, लेकिन गायत्री अंडर ग्राउंड हो गया था।

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