राजधानी के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र स्थित ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ चौराहे के पास उस समय हड़कंप मच गया जब एक छात्रा ने गांधी सेतु से गोमती नदी में छलांग (girl commits suicide) लगा दी। गोमती में कूदते देख राहगीरों ने शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी।
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- सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों को बुलाया और शव को ढुंढवाया लेकिन अभी तक शव नहीं मिल सका है, गोताखोर शव को ढूंढने में जुटे हैं।
- थाना प्रभारी गौतमपल्ली ने बताया कि छात्रा के बैग से मिले आई कार्ड के आधार पर छात्रा की पहचान अंकिता सिंह (20) के रूप में हुई है।
- वह जय नारायण पीजी कॉलेज की बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा है।
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- वह जय नारायण पीजी कॉलेज की छात्रा बताई जा रही है।
- गौरतलब है कि इससे पहले भी कई प्रेमी जोड़े और युवक, महिलाएं भी यहां आत्महत्या करने का प्रयास कर चुके हैं।
- गांधी सेतु सुसाइड करने का अड्डा बनता जा रहा है।
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यह है पूरा घटनाक्रम
- जानकारी के मुताबिक, 347/K-26 पुराना टिकैतगंज की रहने वाली अंकिता सिंह (20) पुत्री लक्ष्मी कुमार सिंह जय नारायण पीजी कॉलेज में बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा थी।
- अंकिता शुक्रवार को रोज की तरह कॉलेज जाने की बात कहकर घर से निकली थी।
- लेकिन कॉलेज न जाकर सीधे 1090 चौराहे पर स्थित गोमती रिवर फ्रंट पहुंच गई।
- वहां पहुंचते ही अंकिता ने अपन बैग पुल की बाउंड्री पर रखा और गोमती में कूद गई।
- छात्रा के छलांग लगाते ही वहां मौजूद लोग दंग रह गए।
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- पहले तो कोई कुछ समझ ही नहीं पाया।
- जब तक लोग कुछ समझते वहां भीड़ जमा हो गई।
- सूचना पुलिस को दी गई।
- मौके पर पहुंची गौतमपल्ली पुलिस ने पहले तो लोगों से पूछताछ की फिर नदी में झांकती रही।
- काफी देर बाद पुलिस ने गोताखोरों को बुलाया जो करीब डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंच सके।
- गोताखोर नदी में उतरे और तीन घंटे की मशक्कत के बाद छात्रा के शव को खोज निकाला।
- पुलिस का कहना है कि छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जो अंग्रेजी में लिखा था।
- परिजनों को जानकारी दे दी गई है।
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प्रेमी पर धोखे का लगाया आरोप
- सुसाइड नोट में अंकिता ने एक लड़के का जिक्र किया है जिससे वह प्यार करती थी।
- सुसाइड नोट में उसने लिखा कि तुमने मुझे धोखा दिया है, यह सदमा मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती।
- मैं अपनी जान देने जा रही हूं।
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स्टीमर पहुंच जाती तो बच सकती थी जान
- गोमती रीवर फ्रंट में लोगों को सैर कराने के लिए तत्कालीन सरकार की तरफ से लाखों रुपए खर्च कर स्टीमर मंगाया गया था।
- जो महज शो पीस बना खड़ा हुआ है।
- प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि स्टीमर जलकुम्भी के बीच में फंसा है जिसके चलते वह खराब हो गया है।
- अगर स्टीमर ठीक हालत में होता और समय पर पहुंच जाता तो छात्रा की जान बचाई जा सकती थी।
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पुलिस के पास नहीं है गोताखोर
- राजधानी पुलिस के पास उनके अपने गोताखोर नहीं है।
- यही वजह है कि उन्हें निजी गोताखोरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
- इसकी बानगी छात्रा के खुदकुशी के मामले में भी देखने को मिला।
- जब पुलिस मौके पर बिना गोताखोर के तमाशबीन बनी खड़ी रही।
- वहीं निजी गोताखोरों को बुलाया गया तो वो डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंचे।
- गोताखोरों का कहना है कि पुलिस उनसे काम कराती है।
- वह अपनी जान जोखिम में डाल कर उनके लिए काम करते हैं लेकिन उन्हें इसका मेहनताना तक नहीं मिलता।
- यही वजह है कि पुलिस के बुलाने पर गोताखोर जल्दी से मौके पर नहीं पहुंचते हैं।
300 मीटर उल्टे बहाव शव लाये नाविक
- हालांकि शव मिलने के दौरान करीब 300 मीटर उल्टे बहाव में गोताखोर छात्रा के शव को नाव पर लादकर नदी के किनारे आये।
- यहां से पुलिस ने शव कब्जे में लिया और सिविल अस्पताल लेकर गए।
- यहां डॉक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया।
- पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
- इस मामले में सरकारी एम्बुलेंस की सेवा ने फिर निराश कर दिया।
- कई बार फोन करके बुलाने पर भी जब एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो पुलिस ने सरकारी जीप में लादा और सिविल लेकर गई।
- लोगों का कहना यह भी था कि गोमती से निकलने की कोई व्यवस्था नहीं है।
- इसलिए शव को उल्टा लाना पड़ा।
- ऐसे में अगर कोई तुरंत घटना होती है तो उसे बचाना भी मुश्किल होगा।
मां हुई बेहोश भाई का रो-रोकर बुरा हाल
- बेटी की मौत की खबर मिलते ही उसका भाई शिवराज सिंह मौके पहुंचा और वह चीखने चिल्लाने लगा।
- इस दौरान उसकी मां भी वहां पहुंची।
- बेटी की लाश देखकर मां बेहोश हो गई।
- पुलिस ने उन्हें डॉयल 100 की गाड़ी में डाला और पानी पिलाया।
- इस दौरान गांधी सेतु से रिवर फ्रंट वाले पुल तक लोगों का जमावड़ा लगा रहा।
- इस दौरान यातायात भी बाधित हुआ जो काफी देर बाद संचालित हो सका।