अरे हम तो अपने दोस्तों के साथ घूमने आये थे। सोचा था गोमती नदी के किनारे बना कुड़ियाघाट भी घूमकर स्नान कर लें। लेकिन इस घाट पर पहुंचे तो नजारा देखकर सन्न रह गए। गोमती में बेहद गंदा काला पानी उसमें कीड़े और कई।
- इतना ही नहीं जलकुम्भी और घाट पर गंदगी देखकर वापस चल दिया।
- इस गोमती में नहाकर व्यक्ति पवित्र नहीं बल्कि और गंदा हो जायेगा।
- यह हम नहीं बल्कि ठाकुरगंज इलाके के रहने वाले मृदुल शुक्ला का है।
- इसके अलावा हयात नगर के रहने वाले श्रीकृष्ण सोनकर ने कहा की योगी सरकार में गोमती में बहुत गंदगी बढ़ी है।
- वहीं संतोष कुमार, मुरारीलाल सहित कई लोगों ने बताया की कुड़ियाघाट की सुंदरता भाजपा सरकार ने छीन ली है।
- सीएम को इस ममले में संज्ञान लेकर जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिये।
- जी हां! आप को बता दें कि गोमती नदी की वर्तमान स्थिति जानने के बाद आप तक हकीकत पहुंचाने के लिए uttarpradesh.org की टीम बुधवार को कुड़ियाघाट पहुंची जहां का नजारा आप खुद देख कर हैरान रह जायेंगे।
https://youtu.be/w1T-e1ms1Z8
सत्ता बदलते ही गंदगी की भरमार
- यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित जिस गोमती के किनारों को खूबसूरत बनाने के लिए गोमती नदी का रिवर फ्रंट का विकास कर कायाकल्प कराया।
- इस रिवर फ्रंट में अखिलेश सरकार में खूब साफ सफाई हो रही थी।
- लेकिन सत्ता का परिवर्तन होने के बाद यूपी में भाजपा की सरकार बनी और योगी सरकार में गोमती के आसपास की सफाई बंद हो गई।
- यह हम नहीं बल्कि तस्वीरें इस गंदगी की कहानी खुद बयां कर रही है।
- पिछले दिनों ही रिवरफ्रंट का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया था और गंदगी देख वह भड़के थे।
- लेकिन इस गंदगी के जिम्मेदार नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण और जल संस्थान के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
- इसका नतीजा यह है सपा सरकार में खूबसूरत सी दिखने वाली गोमती की सुंदरता भाजपा सरकार में धूमिल होती जा रही है।
अखिलेश सरकार में ऐसी थी गोमती
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गोमती रिवरफ्रंट के बारे में कुछ खास
- तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार के सिंचाई मंत्री रहे शिवपाल यादव ने गोमती रिवर फ्रंट परियोजना शुरू कराई थी।
- यह समाजवादी सरकार की बहुप्रचारित परियोजना बन गई थी।
- तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोमती रिवर फ्रंट परियोजना का लोकार्पण 16 नवंबर 2016 को किया था।
- अखिलेश के इस ड्रीम प्रॉजेक्ट पर अब तक करीब 1,427 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन परियोजना अभी भी अधूरी है।
- इस परियोजना के तहत गोमती दी के दोनों किनारों का सौंदर्यीकरण हुआ है।
- इस रिवर फ्रंट में पक्षियों को बसाने की भी योजना तैयार की गई है।
12.1 किलोमीटर का बना है रिवर फ्रंट
- लखनऊ का गोमती रिवर फ्रंट शहर के अंदर गोमती नदी के दोनों तटों पर कुड़िया घाट से लेकर लामार्टिनियर स्कूल तक 12.1 किलोमीटर का रिवरफ्रंट बना है।
- गोमती बैराज के पास 300 मीटर का दायरा कम्प्लीट है।
- यहां रोजाना हजारों लोग घूमने आते हैं और फव्वारों का लुफ्त उठाते हैं।
- गोमती रिवर फ्रंट के किनारे किड्स प्ले एरिया, फव्वारा, स्टेडियम, जॉगिंग ट्रैक और लाइटिंग में तीन हजार करोड़ रुपये का खर्चा आया है।
- बता दें कि गोमती रिवरफ्रंट का काम मार्च 2017 तक पूरा होना था।
- लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद अब काम धीमा हो गया है।
- रिवर फ्रंट को खूबसूरत बनाने के लिए गोमती किनारे पेड़-पौधे लगाये गए हैं।
- गोमती रिवर फ्रंट के किनारे गाड़ियां खड़ी करने के लिए 300 कारों को पार्क करने के लिए पार्किंग बनाने की भी योजना है।
- लखनऊ घूमने आये लोगों के लिए रिवर फ्रंट के किनारे बैठने का भी अच्छा इंतजाम किया जा रहा है।
जब गोमती साफ नहीं कर पा रहे तो कैसे साफ करेंगे गंगा
- बता दें कि पिछली 27 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट का दौरा किया था।
- उन्होंने गोमती रिवरफ्रंट परियोजना के बजट पर सवाल उठाये थे।
- निरीक्षण के दौरान योगी को गोमती ने गंदे नाले गिरते मिले थे इसपर उन्होंने आपत्ति जताई थी।
- उन्होंने अधिकारियों से पूछा था कि गोमती का पानी गंदा क्यों है?
- उन्होंने प्रॉजेक्ट में देरी और कथित अनियमितता की 45 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करेने के निर्देश दिए थे।
- जब रिवर फ्रंट का हमारी टीम ने रियलिटी चेक किया तो यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ था।
- गोमती रिवर फ्रंट के पास मौजूद दर्जनों लोगों ने बताया कि सपा सरकार में यहां सफाई होती थी लेकिन योगी सरकार में बहुत गंदगी है।
- यहां अब सफाई नहीं हो रही है, लोगों का कहना है कि जब भाजपा सरकार से गोमती साफ नहीं हो पा रही है तो गंगा कैसे साफ हो पायेगी?
योगी सरकार में ऐसी है गोमती
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