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ऑल इण्डिया कम्युनिटी हैल्थ वर्कर एसोसिएशन के तत्वावधान में लक्ष्मण मेला मैदान में जनस्वास्थ्य रक्षक क्रान्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया।
- इस सम्मलेन में प्रदेश भर के हजारों महिला पुरुष इकट्ठे हुए।
- इन लोगों ने नई योगी सरकार के बेहतर भविष्य के लिए हवन भी किया और अपनी मांगे पूरी करने की भी गुहार लगाई।
अगले पेज पर वीडियो के साथ देखिये पूरी खबर:
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यह हैं संगठन की मांगें
https://youtu.be/SEx3pwVoLag
- सम्मेलन की शुरुआत हवन करके की गई।
- सम्मेलन में प्रदेश के 87,500 पूर्ववर्ती जनस्वास्थ्य रक्षकों एवं स्वैच्छिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नेशनल हैल्थ मिशन जैसी मौजूदा अथवा अन्य किसी भी स्वास्थ्य योजना में समायोजन व कार्यबाहली सम्बन्धी प्रादेशिक मामले में प्रदेश शासन के प्रस्तावानुसार आवश्यक बजट की स्वीकृति उपरान्त उस पर तत्काल शासकीय अधिसूचना जारी कराये जाने की मांग की गई।
- ऑल इण्डिया कम्युनिटी हैल्थ वर्कर एसोसियेशन राज्य कमेटी ने राज्य के नये मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से यह पुरजोर मांग की है कि वे इस मुद्दे पर प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग में पूर्ववर्ती सपा सरकार के समय से लम्बित पड़े प्रस्ताव को हरी झंडी देकर जनस्वास्थ्य रक्षकों के साथ न्याय सुनिश्चित करें।
- वहीं राज्य की नयी योगी सरकार की सफलता तथा उसके हाथों जनस्वास्थ्य रक्षक बहाली को अन्तिम या मंजूरी मिलने की कामना को लेकर यज्ञ व हवन का आयोजन भी किया गया।
- सम्मेलन में प्रदेश के कोने-कोने से आये हजारो जनस्वास्थ्य रक्षकों एवं स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं जिनमें महिलायें भी काफी संख्या में थी।
- इस दौरान यज्ञ में आहुति डाल अपनी कामना को परिलक्षित किया गया।
जनस्वास्थ्य रक्षकों ने किया गांव दर गांव काम
- ज्ञात हो कि ये जनस्वास्थ्य रक्षक एवं स्वैच्छिक कार्यकर्ता पूर्व में भारत सरकार द्वारा वर्ष-1977 से मार्च-2002 तक देश भर में चलाई गयी ‘विलेज हैल्थ गाइड स्कीम’ के अन्तर्गत मानदेयकर्मी के रूप में गांव दर गांव काम किया करते थे।
- विभिन्न मौसमी बिमारियों से पीड़ित ग्रामीणों को निशुल्क रूप से प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराना तथा मलेरिया रोकथाम के साथ-साथ स्वास्थ्य के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करके ग्रामीणों को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना इनका प्रमुख कार्य था।
- अपने समय में भी इन्होंने देश से चेचक जैसी महामारी को मिटाने का काम किया।
- बाद में पोलियों उन्मूलन कार्यक्रम में इनकी महत्वपूर्ण सहभागिता रही।
- अप्रैल-2002 से भारत यान सरकार ने योजनान्तर्गत अपनी सहभागिता बन्द करके, इसे राज्यों के हवाले कर दिया।
- बाद में राज्यों ने भी अपने-अपने वित्तीय कारणों से चलते इसे बन्द कर दिया सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनीराम सैनी ने उपस्थिति भीड़ को सम्बोधित करते हुए आगामी नवरात्र व ट्रै नवसंत्वसर की बधाई दी।
- साथ ही जनस्वास्थ्य रक्षक बहाली की दिशा में प्रदेश शासन के विभागीय उच्चाधिकारियों के सकारात्मक रूख की भूरि-भूरि प्रशंसा की
लगातार चल रहा संघर्ष
- एसोसियेशन के राष्ट्रीय महासचिव एवं उप्र प्रभारी मनोज कुमार ने इस अवसर पर कहा कि जनस्वास्थ्य रक्षक बहाली के लिए हमारी अपने हजारों लोगों के साथ 20 अगस्त से 9 सितम्बर तक दिन रात संस्था कई वर्षों से निरन्तर संघर्ष करती रही है।
- पिछले साल भी हमने इसी लक्ष्मण मेला मैदान पर आन्दोलन किया था।
- तब कहीं जाकर पिछली सरकार के समय प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले पर विधिवत शासकीय संज्ञान लेकर 9 दिसम्बर की विभागीय बैठक के जरिये पेश मामले पर निर्णायक कार्यवाही शुरू की।
- इसके फलस्वरूप आज विभाग की विभिन्न डिवीजनों ने अपनी सकारात्मक रिपोर्ट व प्रस्ताव प्रदेश शासन को प्रस्तुत कर दी है।
- जिन पर अब नयी सरकार को वित्तीय स्वीकृति देकर तत्सम्बन्धी शासकीय अधिसूचना जारी करनी है।
- उन्होंने कहा कि हमारी संस्था के संघर्ष के बाद यदि उ0प्र0 में इनकी बहाली होती है तो ये देश में यह पहला राज्य होगा।
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