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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर ‘ऑल टीचर इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन’ (अटेवा) के तत्वावधान में प्रदेश भर  हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह से ही लक्ष्मण मेला मैदान में डेरा जमाये हुए था। कार्यकर्ताओं ने दो दिन पहले ही विधान सभा के घेराव की चेतावनी दी थी लेकिन प्रशासन ने इसे हल्के में लिया नतीजन कार्यकर्ता पुलिस को चकमा देकर घेराव करने निकल पड़े। पुलिस ने शक्तिभवन के पास उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोका लेकिन वह उसे तोड़ते हुए निकल गए। गांधी प्रतिमा पर पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह उग्र हो गए नतीजन पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। इसके बाद फिर से पुलिस ने शक्तिभवन पर बम्पर लाठीचार्ज किया इसमें दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए वहीं भगदड़ में यातायात व्यवस्था की चौपट हो गई। इस दौरान जाम लग गया और एम्बुलेंस भी जाम में फंसी दिखी पुलिस ने काफी देर बाद स्थिति को नियंत्रण में किया। वहीं गुस्साए कार्यकर्ताओं ने कई गाड़ियों की लाल और नीली बत्ती भी तोड़ दी।

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https://www.youtube.com/watch?v=jvrqpfklc-M&feature=youtu.be

 

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पुरानी पेंशन बहाली की वर्षों के कर रहे मांग

  • संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धुु ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे अटेवा पेंशन बचाओ मंच के तत्वावधान में सैकड़ों कर्मचारी बुधवार सुबह से ही घेराव के लिए इकट्ठे हो गए थे।
  • लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज कर वहां से खदेड़ दिया।
  • इस दौरान कर्मचारियों की पुलिस से भिड़ंत हो भी हुई।
  • उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को बुढ़ापे में दी जाने वाली पुरानी पेंशन को समाप्त कर दिया गया है।
  • जिससे उत्तर प्रदेश के दस लाख से अधिक युवा शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी निराशा है।

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  • उनका भविष्य अन्धकार मय हो गया है।
  • उन्होंने बताया कि भारत के तीन राज्य पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं केरल में आज भी वहां सरकारों ने अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए पुरानी पेंशन जारी रखी है।
  • विजय ने बताया कि एक देश में दो कानून यह कैसा न्याय है।
  • कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव ने बताया कि एनपीएस में कर्मचारियों के वेतन, ग्रेड पे व महंगाई भत्ता के 10 प्रतिशत कटौती और उतनी ही धनराशि सरकार द्वारा जमा कर निजी कंपनियों को उनका धंधा चलाने के लिए दिया जाना घोर अन्याय है।
  • अंशदायी पेंशन योजना में किसी प्रकार की रिटर्र्र्न गारन्टी न देकर केवल बाजार आधारित गांरटी देना कर्मचारियों, शिक्षकों के बुढापे को अंधकार में डाल दिया है।
  • सेन्सेक्स और निफ्टी के उतार- चढ़ाव से स्पष्ट है कि पूरे सेवाकाल के बाद शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवानिवृत्ति पर जीपीएफ ब्याज दर पर भी पैसा नहीं मिल पायेगा, इस बात की पूरी सम्भावना है।
  • कर्मचारी कई बार धरना-प्रदर्शन, सड़क जाम, भूखहड़ताल, कर चुके हैं लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है।

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