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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2017 के अवसर पर ‘महिला उत्थान मंडल’ के बैनर तले ‘नारी तू नारायणी.. तू निज स्वरुप में जाग!’ के ध्येय वाक्य के साथ सक्रिय इस प्रमुख महिला संगठन ने जीपीओ हजरतगंज में गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन की प्रदेश अध्यक्षा डॉ. विमला मिश्रा ने इस प्रदर्शन के बारे में स्पष्ट करते हुए बेहतर ढंग से बताया।
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‘भारतीय नारी का संसार, पति-पुत्र-परिवार’
https://youtu.be/RT_GxVDyv0s
- वह इनके उत्तम स्वास्थ्य व लंबी आयु के लिए करवा चौथ, सकट चौथ, हरछठ जैसे अनेक कठिन व्रत भी करती है।
- परंतु ऐसा लगता है कि सत्ताधीशों को महिलाओं की तनिक भी चिंता नहीं है।
- हर गली मोहल्ले में नशे के अड्डों की भरमार है।
- कई बार न चाहते हुए भी नज़र में पड़ ही जाते हैं और परिवार के पुरुष नशे के शिकार हो जाते हैं।
- हमारे संविधान द्वारा हम सभी को समान रूप से सम्मान पूर्वक जीवनयापन का अधिकार दिया गया है।
नशा खोरी से महिलाएं लगातार हो रहीं अपमानित
- उन्होंने कहा कि किन्तु बड़े ही खेद का विषय है कि उत्तर प्रदेश में उत्तरोत्तर बढ़ती नाशाख़ोरी के कारण महिलाओं के सम्मानपूर्वक जीवनयापन के मौलिक अधिकार का भयंकर हनन किया जा रहा है।
- पुरुष नशे में धुत होकर महिलाओं, बच्चों को दाने दाने को मोहताज कर रहे हैं।
- ऊपर से मारपीट कर अपमानित करते हैं सो अलग।
- नशेड़ियों द्वारा की गयी दुर्घटनाओं से निर्दोष लोगों की होने वाली बर्बादी की एक अलग दर्द भरी कहानी है।
- आज स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि स्वास्थ्यवर्धक खेल-कूद के लिए बनाये गए पार्कों में कच्ची उम्र के किशोर भी नशें में बेसुध पाये जाते हैं।
महिलाएं भी हो रही हैं नशे का शिकार
- प्रश्न ये है कि क्या ये नज़ारे शासन-प्रशासन-पुलिस किसी को भी नज़र नहीं आ रहे?
- अगर आ रहे हैं तो आखिर जनता की जान की कीमत आपकी नज़रों में कुछ भी नहीं?
- आखिर क्यों नशे के काले कारोबार को इस क़दर बढ़ावा दिया जा रहा है?
- ये भी अकाट्य सत्य है कि-सोना जीवन भर।
- युवा सेवा संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नीतीश गौर ने कहा कि अब तो अति हो रही है।
- महिलाएं भी नशे का शिकार हो रही हैं।
- जब एक महिला नशा करेगी तो आनेवाली पीढ़ी का तो भविष्य ही अंधकारमय हो जाएगा।
- इसलिए नशे की चीज़ों पर तत्काल प्रभाव से बंदी लागू होनी चाहिये।
पार्क जाएं तो नशा
- इस दौरान महिलाओं ने कहा कि बड़े ही शर्म और दुःख की बात है।
- आखिर इस नशे के कारोबार का सबसे बड़ा शिकार कौन है?
- इस नशे के कारण हर हाल में अपमानित-प्रताड़ित महिला ही होती है।
- इस अवसर पर अर्चना ध्यानी, अलका सिंह, सुमन यादव, सुमन श्रीवास्तवा, अंजु त्रिवेदी आदि के साथ भारी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।
संगठनों की यह हैं 3 सूत्रीय मांगे
- शराब बंदी तत्काल प्रभाव से लागू की जाए।
- युवाओं में स्टेटस सिम्बल बनते जा रहे हुक्का बार बंद किये जाएं।
- शराब कंपनियों के छद्म विज्ञापन बैन किये जाएं।
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