एक साल पहले उरी सेक्टर में हुए आतंकवादी हमले में 18 जवानों के शहीद हो जाने के बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था। उस सर्जिकल स्ट्राइक में हमारे देश के जवानों ने उरी में शहीद जवानों की मौत का बदला लिया था। आज उस सर्जिकल स्ट्राइक एक साल पूरा होने पर उरी में शहीद हरेंद्र यादव के परिवार से जब बात की गई तो उनका कहना था कि सर्जिकल स्ट्राइक से उन्हें बहुत ही खुशी मिली थी। आगे भी इसी तरह के सर्जिकल स्ट्राइक होते रहना चाहिए। (Martyr Harendra Yadav’s)
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गाजीपुर के रहने वाले थे हरेंद्र
- बता दें कि 18 सितंबर 2016 को उरी सेक्टर में हुए आतंकवादी हमले में देश के 18 जवान शहीद हो गए थे।
- उन 18 शहीदों में एक शहीद हरेंद्र यादव गाजीपुर जनपद के मरदह ब्लाक के देउपुर ग्राम सभा का रहने वाले थे।
- शहीद हरेंद्र अपने पांच भाइयों में दूसरे नंबर के थे और उन पर ही परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी।
- हरेंद्र बचपन से ही खेल कूद और सामाजिक कार्यों में बहुत ही रुचि लेते थे।
- क्रिकेट और कबड्डी इनका प्रिय खेल हुआ करता था।
- गांव के आसपास हुए किसी भी खेल में अपनी सहभागिता निभाते हुए प्रथम या सेकेंड स्थान जरूर लाते थे।
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देशभक्ति के जज्बे सेना में पहुंचाया
- जब यह युवा हुए तो देश सेवा का जज्बा इनके अंदर आना आरंभ हुआ।
- यह आस-पास होने वाले भर्ती मेला में अपनी किस्मत आजमाने लगे।
- इनकी किस्मत रायबरेली में हुए भर्ती मेला में जगी और इनका सलेक्शन हुआ।
- सेलेक्शन की जानकारी जब घर पर हुई तो घरवालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। (Martyr Harendra Yadav’s)
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टूटा घर बनवाने की थी तम्मना
- उस वक्त हरेंद्र की बस एक ही तमन्ना थी उनका टूटा हुआ घर और पिताजी के द्वारा लिया हुआ कर्ज अपने वेतन से जरूर भरेंगे।
- वे ड्यूटी पर जब भी जाते थे ड्यूटी के दौरान परिवार वालों से जब भी बात हुआ करती थी तो यही कहते थे कि हम लोगों का कोई ठीक नहीं है।
- हम लोग कब और कहां रहे।
- लेकिन वो जंग व लड़ाई के बारे में कभी भी परिवार से नहीं बताते थे।
- ताकि परिवार के लोग विचलित ना हो।
- कभी भी हम लड़ाई के लिए जा सकते हैं।
- शायद यही कारण था कि इनका कई जगह तबादला भी हुआ था। (Martyr Harendra Yadav’s)
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माता-पिता बोले- मिटा देना चाहिए पाकिस्तान का नमो-निशान
- शहीद के पिता केदारनाथ और माता प्रभावती देवी अपने बेटे के इस सहादत से गर्व महसूस करते हैं।
- उनका कहना है कि इस घटना के बाद जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था।
- उसी तरह का एक सर्जिकल स्ट्राइक और होना चाहिए और पाकिस्तान का नामोनिशान खत्म हो जाना चाहिए।
- क्योंकि यह पाकिस्तान कोई देश नहीं बल्कि आतंकवादियों को पैदा करने वाला देश है।
- जिसके चलते प्रत्येक साल हमारे देश के सैकड़ों जवानों को अपनी जान की कीमत देनी पड़ती है।
- वहीं उनके भाई नागेंद्र ने बताया कि उनके भाई हमेशा उन्हें भी फौज में जाने की तैयारी करने की बात कहा करते थे और करते भी थे कि हम कहीं ना कहीं तुम्हारा सलेक्शन जरूर करवाएंगे।
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आग में फंसे बच्चों को बचाई थी जान
- हरेंद्र के भाई ने बताया कि हरेंद्र जब लास्ट बार अपने गांव आए थे उस वक्त गांव के एक राजभर परिवार के मकान में आग लगी हुई थी।
- उस घर में दो तीन बच्चे फंसे हुए थे।
- गांव के सभी लोग अभी जाने की सोच रहे थे।
- उसके पहले हरेंद्र घटनास्थल पर पहुंचे और बगैर किसी की परवाह करते हुए आग की लपटों के अंदर चले गए और सुरक्षित बच्चों को बाहर लेकर वापस आ गए।
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प्रधानमंत्री नहीं दे पा रहे पाकिस्तान को जबाव
- हरेंद्र के भाई रवींद्र ने बताया कि उन्हें अपने भाई के शहादत पर गर्व है।
- लेकिन जिस तरीके से पाकिस्तान कायराना कार्य कर रहा है उसका जवाब हमारे देश के प्रधानमंत्री नहीं दे पा रहे हैं।
- इन लोगों को ऐसा जवाब देना चाहिए कि आने वाले समय में लोगों के लिए एक शब्द बन जाए।
- उन्होंने कहा कि भले ही आज हमारा भाई शहीद हो गया है।
- लेकिन अगर जरुरत पड़ी तो वह अपने बेटे और भाइयों को देश सेवा में भेजने के लिए थोड़ा भी नहीं हिचकेंगे। (Martyr Harendra Yadav’s)