दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने वाले हैरान हैं कि एक दो दिन से उनकी गाड़ी का एवरेज दोगुना कैसे हो गया? दरअसल पेट्रोल पंपों पर छापेमारी शुरू होते ही अन्य पेट्रोल चोर पम्पों ने मशीनों में लगी चिप हटा ली।
- इसके चलते अब ग्राहकों को पूरा तेल मिल रहा है इसके चलते गाड़ियों का एवरेज बढ़ गया है।
- वहीं उपभोक्ता इस बात से हैरान हैं कि आधिकारिक तौर पर हुई पुष्टि के आधार पर एक लीटर में सिर्फ 50 से 60 मि.ली. की ही चोरी हो रही थी तो एवरेज कैसे बढ़ गया।
- वहीं उपभोक्ताओं का आरोप यह भी है कि यह चोरी इतने दिनों से हो रही थी तो सम्बंधित अधिकारी खामोश क्यों थे।
आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की सह पर हो रही थी चोरी
- एसटीएफ की छापेमारी के बाद से आपूर्ति विभाग और बांट माप विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगना शुरू हो गए हैं।
- सील किये गए पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यह खेल इन अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था।
- इसके एवज में सम्बंधित अधिकारी को मोटी रकम हर महीने दी जाती थी।
- यह अधिकारी अपने काम के प्रति इतने जिम्मेदार थे कि जैसे ही टीम जांच करने निकलती थी इसकी सूचना पंप मालिकों को पहले ही मिल जाती थी।
- टीम पंप पर पहुंचती तो थी लेकिन सिर्फ खानापूर्ति करके लौट आती थी।
- लेकिन कभी भी किसी पंप मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट में मिलेगा लाभ
- सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ ने चिप ढूंढ कर अपना काम कर दिया।
- वहीं बांट माप और आपूर्ति के कई जिम्मेदार अभी भी पेट्रोल चोरी करने वालों को बचाने में लगे हैं।
- 50 एमएल चोरी बताने से कोर्ट में आरोपी के वकीलों को बचाव का मौक़ा मिल जाएगा।
- वह कह सकते हैं कि इतना पेट्रोल तो पंप की नोज़ल में ही छूट जाता है फिर चोरी कहां हुई।
- ऐसे ही चिप के बारे में चुनौती देकर जमानत कर लेंगे।
मिलावटी तेल भी भर रहे पंप मालिक
- कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि शहर के कई पेट्रोल पम्पों पर चिप से ही बल्कि मिलावटी ईंधन की बिक्री का खेल भी चल रहा।
- आरोप है कि इन पम्पों पर डीजल में केरोसिन मिलाकर गाड़ियों में भरा जा रहा है जो वाहनों के इंजन को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
- चार पहिया वाहनों के वर्कशॉप में गाड़ी स्टार्ट होने में दिक्कत के कई ऐसे मामले पहुंच रहे हैं।
- इनकी जांच में मिल रहा है कि यह दिक्कत डीजल और पेट्रोल में मिसिंग होने के कारण आ रही है इससे पिकअप में कमी जैसी समस्याएं आती हैं।
- उपभोक्ताओं की माने तो चार फ्यूल इंजेक्टर बदलवाने में 20 से 25 हजार रुपए तक खर्च आ जाता है।
- वहीं इंजीनियरों की मानें तो महंगी गाड़ियों का फ्यूल इंजेक्टर 16 हजार से अधिक रुपये का मिलता है।
तेल कंपनियां भी करती हैं जांच और कार्रवाई
- इंडियन ऑयल के वरिष्ठ प्रबंधक एमके अवस्थी ने बताया कि तेल कंपनियां समय-समय पर खुद भी जांच करवाती हैं।
- इस जांच में जो भी दोषी होता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
- उन्होंने बताया कि साल 2014-15 में 2193 पेट्रोल पम्पों की जांच की गई इनमें 14 पम्पों का लाइसेंस निरस्त किया गया।
- वर्ष 2015-16 में 2594 पेट्रोल पम्पों की जांच की गई इनमें एक पंप का लाइलेंस निरस्त किया गया।
- वहीं वर्ष 2016-17 में 2786 पेट्रोल पंपों की जांच की गई इनमें 2 पेट्रोल पम्पों का लाइसेंस निरस्त किया गया।
- उन्होंने बताया कि तेल कंपनियां लगातार जांच करती रहती हैं और कार्रवाई भी करती हैं।
इतने पेट्रोल पंप हुए सील
- इंडियन ऑयल का साकेत फिलिंग स्टेशन फैजाबाद रोड।
- एचपीसी का लालता प्रसाद वैश्य फिलिंग स्टेशन मेडिकल कॉलेज चौराहा चौक।
- एचपीसी का लालता प्रसाद वैश्य फिलिंग स्टेशन सीतापुर रोड हसनगंज।
- भारत पेट्रोलियम का शिवनारायण फिलिंग स्टेशन हजरतगंज।
- भारत पेट्रोलियम का क्रूज ऑटोमोबाइल्स फन मॉल के पास गोमतीनगर।
- इंडियन ऑयल का स्टैंडर्ड फ्यूल मड़ियांव।
- बीकेटी के डिगोई गांव स्थित बीएन शुक्ला के स्टैंडर्ड पेट्रोल पंप पहले से बंद था लेकिन इसकी एक मशीन के नॉजल में चिप पाई गई इसलिए सील किया गया।
- कोनेश्वर मंदिर के करीब माली खां सराय स्थित बाबा अयूब फारुखी के पेट्रोल पंप।
- पारा के बुद्धेश्वर चौराहा स्थित सुधीर बोरा का पेट्रोलपंप सील किया गया है।
- आकाशवाणी के पास हिंदुस्तान पेट्रोलियम का पंप सीज कर दिया।
- जियामऊ स्थित पेट्रोलपंप का नॉजल सील किया गया है।
कम वेतन फिर भी करोड़ों की संपत्ति
- कुछ विभाग के ही कर्मचारियों ने दबी जुबान से बताया कि बांट माप विभाग एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी तो दूर निचले स्तर के कर्मचारियों का वेतन तो कम है लेकिन इनके पास करोड़ों की संपत्ति है।
- इससे आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि वेतन कम होने पर इतनी संपत्ति कहां से आई।
- कुछ तो गड़बड़ जरूर है फिलहाल एसटीएफ के अधिकारियों की मानें तो इस खेल में जो भी शामिल होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस संबंध में एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि यूपी में चिप लगाकर और रिमोट के जरिये तेल चोरी का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है।
- सूचना के आधार पर टीम ने आपूर्ति विभाग और बांट माप विभाग के अधिकारियों के साथ छापेमारी की।
- इसके बाद यह गोरखधंधा उजागर हुआ टीमें लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही हैं।
- यह कार्रवाई पूरे उत्तर प्रदेश में लगातार जारी रहेगी।
https://youtu.be/FRkR03CAxzw
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें