अलाकमानों की लाख कोशिशों के बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस के दबंग वर्दीधारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला माल थाना क्षेत्र का है यहां एक दबंग दरोगा ने पीड़ित को हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार कर जेल भेजने के वजाय उसके दबाव में आकर पीड़ित से सुलह समझौते का दबाव बनाया।
- पीड़ित ने इस से जब मना किया तो दरोगा ने उसे गंदी-गंदी गालियां देते हुए कई फर्जी केस लगाकर जेल भेजने की धमकी दे डाली।
- इससे क्षुब्ध होकर पीड़ित थाने से चला गया और रास्ते में जहरीला पदार्थ खा लिया।
- इससे वह गिर गया आनन-फानन में यह देख उसे लोगों ने पुलिस को सूचना दी घरवालों के मौके पर पहुंचने के बाद उसे बख्शी का तालाब स्थित सरसैया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- जहां अभी वह बोलने की स्थिति में नहीं है।
- वहीं पीड़ित के दो मासूम बच्चों ने डर के मारे स्कूल छोड़ दिया है।
यह है पूरा मामला
- जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र के अटरिया बसहरी गांव माल में रहने वाले अंगद सिंह (42) का उलवा गांव में रहने वाले संजय सिंह से काफी पुराना जमीनी विवाद चल रहा है।
- संजय का साला आरबी सिंह बीकेटी इलाके में रहता है वह हिस्ट्रीशीटर है।
- पीड़ित के घरवालों ने बताया कि पिछले दिनों अरबी सिंह ने बीकेटी इलाके में अंगद का सिर फोड़ दिया था तब से वह बराबर उसे आए दिन धमकाता रहता था।
- इसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस से की थी लेकिन माल थाना का दरोगा जगपाल हिस्ट्रीशीटर से मिला हुआ है।
- पीड़ित परिवार का आरोप है कि दरोगा ने पीड़ित को बुधवार को बुलाया था उस समय थाना प्रभारी एक झगड़े में मौके पर गए थे।
- इस दौरान दरोगा ने थाना प्रभारी की गैर मौजूदगी में सुला करने के लिए दबाव बनाया।
- आरोप है कि पीड़ित ने जब इस से मना किया तो दबंग वर्दीधारी ने गंदी-गंदी गालियां देकर उसे कई फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी।
- इससे क्षुब्ध होकर होकर पीड़ित थाने से चला गया और रास्ते में जहरीला पदार्थ खा लिया।
- इस दौरान वह लड़खड़ाकर गिर गया, जिसे देख राहगीरों ने उसके घर वालों को सूचना दी।
- सूचना पाकर मौके पर पहुंचे घरवालों ने उसे आनन-फानन में बख्शी का तालाब स्थित 100 सैया अस्पताल में भर्ती कराया जहां अभी तक उसे होश नहीं आया है।
थाना प्रभारी की बात भी ताक पर रखता है दरोगा
- इस संबंध में थाना प्रभारी माल अम्बर सिंह ने बताया कि यह मामला पिछले साल नवंबर 2016 का है।
- पीड़ित ने कई बार तहरीर दी थी इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी।
- पीड़ित जब उनसे जनवरी 2017 में मिला तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।
- इसके बाद कई धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया।
- थाना प्रभारी ने बताया कि चुनाव में व्यस्तता के कारण वह इस केस में ध्यान नहीं दे सके।
- चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद उन्होंने केस देख रहे दरोगा जयपाल सिंह को गिरफ़्तारी के निर्देश दिए।
- लेकिन दरोगा ने उनकी बात को दरकिनार कर दिया।
- पीड़ित पक्ष का आरोप है कि बुधवार दोपहर थाना प्रभारी एक झगड़े में मौके पर गए थे तभी दोनों पक्षों को दरोगा ने उनकी गैर मौजूदगी में बुलाया और सुलह का दबाव बनाया।
- पीड़ित के मना करने पर दरोगा ने उसे गालियां देते हुए जेल भेजने की धमकी दी।
- तब तक थाना प्रभारी आ गए उन्होंने थाने में कहासुनी होते देख गिरफ्तारी के निर्देश दिए लेकिन दरोगा मुंह छिपाकर बैठ गया।
- इस दौरान पीड़ित थाने से चला गया और रास्ते में उसने जहरीला पदार्थ खा लिया।
- इसकी जब जानकारी थाना प्रभारी को हुई तो उनके हाथ-पांव फूल गए।
- इसकी सूचना उन्होंने अपने अधिकारियों को दी।
- सूचना पाकर मौके सीओ और एएसपी ग्रामीण प्रताप गोपेन्द्र यादव भी पहुंचे।
- अधिकारियों दरोगा को लताड़ लगाई है वहीं पीड़ित की हालत नाजुक बनी हुई है।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.