साध्वी से बलात्कार के मामले में सजा (ram rahim Dera) काट रहा सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख बलात्कारी गुरमीत राम रहीम की करतूतों के तार राजधानी लखनऊ से भी जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में 14 शव बख्शी का तालाब स्थित जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस को भेजी गईं।
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- मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा) और राम मनोहर लोहिया अवध विवि के रजिस्ट्रार को पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि बिना अनुमति और डेथ सर्टिफिकेट के शवों को लखनऊ भेजा जाना बड़े सवाल उठाता है।
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इस संबंध में राम मनोहर लोहिया अवध विवि के वीसी ने बताया कि कॉलेज की संबद्धता पिछले साल तक ही थी। नए सत्र में संबद्धता का मामला लंबित है। MCI का कोई पत्र नहीं मिला है, पत्र मिलते ही कार्रवाई करेंगे।
वहीं एसएसपी दीपक कुमार ने बतया कि शवों की डीटेल प्रबंधन के पास है। दस्तावेज में दर्ज पतों पर जाकर जांच होगी। संस्थान ने दस्तावेज दिए हैं। DGME से भी पूछताछ होगी।
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जरूरी दस्तावेज पुलिस ने किये हासिल
- एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि ख़बरों से उन्हें जानकारी मिली कि एमसीआई ने 7 जनवरी 2017 को इंस्टिट्यूट का निरीक्षण किया था।
- इस दौरान एनॉटमी डिपार्टमेंट (ram rahim Dera) में रिसर्च के लिए सिर्फ एक डेडबॉडी मिली थी, जबकि नियमों के अनुसार पढ़ाई के लिए शवों की संख्या अधिक होनी चाहिए थी।
- कई और गड़बड़ियां मिलने पर इंस्टिट्यूट को मान्यता न देने की सिफारिश की गई थी।
- इंस्टिट्यूट प्रबंधन इसके खिलाफ हाई कोर्ट चला गया।
- हाई कोर्ट के आदेश पर एमसीआई ने इंस्टिट्यूट के दस्तावेज की फिर जांच की तो पता चला कि इंस्टिट्यूट को 14 शव सिरसा के डेरा सच्चा सौदा ने दिए हैं।
- प्रबंधन इन शवों के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं दिखा सका।
- कॉलेज के डायरेक्टर एन. सिंह से एनबीटी ने इस संबंध में पूछा तो वह भी कुछ नहीं बोले।
- एसएसपी ने बताया कि उन्हें कॉलेज की तरफ से दस्तावेज दिए गए हैं।
- इनकी पड़ताल की जा रही है, जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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क्या हैं शव लाने के नियम
- इस संबंध में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के एनॉटमी विभाग के एचओडी नवनीत कुमार ने बताया कि पढाई के लिए शवों को लाने के लिए नियम हैं।
- नियम के अनुसार, जहां से शव लाया जा रहा है, वहां के पुलिस अधिकारी को मृत्यु प्रमाणपत्र दिखाकर अनुमति ली जाती है।
- वहां के पुलिस अधिकारी को सूचित करना होता है।
- शव दान देने वाले परिवार का सहमति पत्र भी जरूरी होता है।
- अधिकतर शवों को उसी राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई के लिए भेजा जाता है, जहां दान किया गया हो।
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- फ़िलहाल लखनऊ पुलिस डेरा के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए जांच में जुट गई है।
- एसएसपी ने बताया कि जिन 14 लोगों के शव लखनऊ पहुंचे उनमें माया देवी, सुदेश रानी, उषा रानी, गुर्जंत सिंह, संत सिंह, सोना देवी, पुरण राम, सिल्मा सेवी, कोरनेल कौर, शीला, सुमेर सिंह, हरगोबिन्द, शांता देवी और राम देवी का (ram rahim Dera) शव शामिल है।
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