लखनऊ के गोमतीनगर स्थित ‘मनरेगा मजदूर कल्याण संगठन’ (mgnrega office) के कार्यालय में लड़कियों के साथ अध्यक्ष द्वारा अश्लीलता किये जाने के मामले को सबसे पहले uttarpradesh.org ने ‘मनरेगा कार्यालय में लड़की से अश्लीलता’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की।

  • इसके बाद लड़कियों के लिए काम करने वाले संगठन ‘पॉवर विंग’ ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया।
  • संगठन की अध्यक्ष सुमन रावत अपनी टीम के साथ मनरेगा कार्यालय पहुंची।
  • यहां उन्होंने जब मामला समझा तो उनके भी होश उड़ गए।
  • उन्होंने बताया कि ‘मनरेगा मजदूर कल्याण संगठन’ का अध्यक्ष संजय रॉय करीब 60 साल की उम्र का है उसने अपनी पोती की उम्र की लड़कियों से अश्लीलता की है।
  • पीड़ित ने बताया कि वह लड़कियों को पिकनिक ले जाने के बहाने भी अश्लीलता करता था।
  • बवाल होता देख आरोपी कार्यलय के पीछे से भाग गया।
  • पॉवर विंग की अध्यक्ष ने पुलिस पर भीभी गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • उन्होंने कहा है कि एक तो बलात्कार और गैंगरेप की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • वहीं इतने गंभीर मामले में वह जब थाने पर शिकायत दर्ज करवाने गईं तो पुलिस ने कहा कि दो दिन का टाइम दो।
  • लड़कियों ने कहा कि अगर उनके साथ रेप हो जाता या कुछ गलत हो जाता तो भी पुलिस ऐसा ही कहती।
  • पुलिस के इस रवैये से लड़कियों में काफी आक्रोश है।

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कई लड़कियों ने छोड़ी नौकरी

  • जानकारी के मुताबिक, गोमती नगर के मिठाई वाला चौराहा के निकट यूको बैंक के पास 1/7 विश्वासखंड-1 में ‘मनरेगा मजदूर कल्याण संगठन’ का प्रदेश कार्यालय है।
  • इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष (mgnrega president) संजय राय बताये जा रहे हैं।
  • यहां बेरोजगारों को नौकरी देने का भी काम होता है।
  • यहां दूसरे जिलों के भी काम करते हैं।
  • पिछली 25 मई 2017 को कार्यालय में मीटिंग थी।
  • मीटिंग में कई जिलों के कार्यकर्ता भी आये थे।
  • दोपहर में लंच टाइम में संगठन के अध्यक्ष संजय राय ने कविता (नाम काल्पनिक) को अपने केबिन में बुलाया।
  • लेकिन होशियार कविता ने केबिन में जाने से पहले यह बात अपनी सहयोगी लड़कियों को बता दी थी।
  • कविता का आरोप है कि अध्यक्ष कई बार उसे अकेले केबिन में बुला चुका था लेकिन वह कभी गई नहीं।

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  • वह किसी ना किसी को अपने साथ लेकर जाती थी।
  • आरोप है कि जब वह उस दिन केबिन में गई तो अध्यक्ष ने उसे पकड़कर खींच लिया।
  • इस दौरान अध्यक्ष ने उसके साथ अश्लीलता की तो वह चीख पड़ी।
  • तभी उसकी सहेलियां भी केबिन में पहुंच गईं।
  • सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अध्यक्ष बदनामी के डर से हाथ जोड़कर शिकायत ना करने की गुहार लगाने लगा।
  • इस बात से आहत करीब आधा दर्जन लड़कियों ने डर के मारे नौकरी छोड़ दी है।
  • लड़कियों का आरोप है कि (mgnrega office) अध्यक्ष वहां काम करने वाली लड़कियों का केबिन में बुलाकर शोषण करता है।

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  • आरोप यह भी है कि एक महिला एचआर उसका इस काम में सहयोग करती है।
  • लड़कियों ने अध्यक्ष (mgnrega president) की शिकायत इसलिए नहीं की क्योंकि वह कहीं ना कहीं जॉब करना चाहती हैं।
  • अगर उन्होंने कम्प्लेन की तो उनका नाम हाइलाइट हो सकता है इसके बाद उन्हें घर से निकलने नहीं दिया जायेगा।
  • लड़कियों का कहना है कि कई लड़कियां इसकी शिकार हो चुकी हैं और उन्होंने नौकरी छोड़ दी है।
  • लड़कियों ने कहा कि यह अध्यक्ष संगठन की आड़ में जालसाजी भी करता है।
  • साथ ही नौकरी देने के नाम पर सदस्यता शुल्क वसूल करता है।
  • पीड़िताओं ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
  • वहीं इस मामले में थाना प्रभारी गोमतीनगर ने बताया कि ऐसा मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।
  • अगर थाने पर लिखित शिकायत आयेगी तो मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
  • वहीं जब संगठन के अध्यक्ष को कॉल की गई तो कॉल रिसीव ना होने के कारण उनसे बात नहीं हो पाई।

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नौकरी देने के नाम पर वसूली

  • इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने संगठन के कार्यालय में फोन किया तो पड़ताल में पता चला कि यहां बेरोजगारों को नौकरी देने से पहले ही चूना लगाया जाता है।
  • कॉल रिसीव करने वाली गीता अरोड़ा नाम की महिला ने जानकारी दी कि यहां ऑफिसियल में टेलिकॉलर की नौकरी है और फील्डवर्क में ब्लाक प्रभारी, पंचायत प्रभारी, ब्लॉक सुपरवाइजर और पंचायत शिक्षिका के लिए भर्तियां की जाती हैं।
  • इनमें ब्लॉक प्रभारी के लिए 3000 रुपये सदस्यता शुल्क एवं 150 रुपये फार्म का शुल्क देना पड़ता है।

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  • इसके बाद वेतन के रूप में 4500 रूपये के साथ भत्ता दिया जाता है।
  • पंचायत प्रभारी के लिए 2501 रुपये एवं 150 रुपये फार्म का शुल्क देना पड़ता है।
  • इसके बाद वेतन के रूप में 3500 रूपये के साथ भत्ता दिया जाता है।
  • ब्लॉक सुपरवाइजर (महिला) के लिए 2501 रुपये एवं 150 रुपये फार्म का शुल्क देना पड़ता है।
  • इसके बाद वेतन के रूप में 3500 रूपये के साथ भत्ता दिया जाता है।
  • वहीं पंचायत शिक्षिका के लिए 2001 रुपये एवं 150 रुपये फार्म का शुल्क देना पड़ता है।
  • इसके बाद वेतन के रूप में 2000 रूपये के साथ भत्ता दिया जाता है।

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  • साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता को योग्यता के आधार पर छूट भी दी जाती है।
  • वहीं टेलिकॉलर को 5 से 6 हजार रूपये प्रतिमाह वेतन देने का दावा किया जाता है।
  • इसके लिए वाकायदा संगठन ने पम्पलेट भी छपवाकर बंटवाये हैं।
  • आरोप है कि अध्यक्ष ने इस संगठन का जाल पूरे प्रदेश में फैला है।
  • इसके जरिये बेरोजगारों को चूना लगाया जा रहा है।

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