उत्तर प्रदेश की पुलिस इतनी बेलगाम हो गई है कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक तरफ जहां देश की रक्षा के लिए हमारी सेना के जवान (army man) अपने प्राणों की आहुति तक दे देते हैं। उन सैनिकों से यह बेलगाम वर्दीधारी थाने में शालीनता से बात तक नहीं करते।
- जबकि थाने के अंदर फरियादी से सही से बात करने के लिए अभी पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और डीजीपी सुलखान सिंह पुलिसकर्मियों को हिदायत दे रहे हैं।
- फिर भी वर्दी पहने बैठे ये गुंडे अपनी गुंडई से बाज नहीं आ रहे है।
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क्या है पूरा मामला
- दरअसल मामला गोंडा जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के एखलाक गांव का है।
- यहां रहने वाले संतोष सिंह भारतीय सेना में जम्मू के डोडा में तैनात हैं।
- पीड़ित के मुताबिक, उसने सेना में नौकरी होने के चलते अपनी जमीन बटाई दे रखी है।
- इस जमीन पर एक पक्ष द्वारा कुछ लेनदेन का विवाद चल रहा है।
- इसी के चलते वह शनिवार को थाना दिवस में जमीन के विवाद को लेकर गया था।
- यहां उसने अपना परिचय देते हुए दूसरे पक्ष पर कार्रवाई की मांग की।
- तभी थानेदार सरोज ने उसके साथ अभद्रता की।
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- पीड़ित सैनिक का आरोप है कि थानेदार ने कहा कि जाओ कश्मीर में पत्थर खाओ।
- फिर यहां आना यहां भी पत्थर मारेंगे।
- थानेदार की इस बात से सैनिक काफी आहत है।
- पीड़ित सेना के जवान ने मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई ना होने पर समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री से न्याय की गुहार लगाई है।
https://youtu.be/rsdPgwG5-P4
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ताक पर डीजीपी के निर्देश
- थाने के अंदर थानेदार ने अभद्रता कर मानवता को शर्मसार किया है।
- बता देंगे अभी पिछले दिनों ही योगी आदित्यनाथ और डीजीपी सुलखान सिंह ने थाने के अंदर जाने वाले फरियादियों को साथ शालीनता से पेश आने की हिदायत दी थी।
- फिर भी बेलगाम थानेदार सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
- यह पुलिस वाले सुधरें भी तो कैसे क्योंकि इनके ऊपर वर्दी का भूत सवार है।
- इसके चलते यह आम जनता से ऐसे ही गुंडई कर रहे हैं।
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क्या कहते हैं थानेदार
- भले ही सेना के जवान ने थानेदार पर यह आरोप लगाए हों।
- लेकिन इस मामले में थानेदार ने अपनी सफाई दी है।
- उन्होंने कहा कि बटाई जमीन को लेकर दोनों पक्षों में विवाद था।
- इसके चलते उन्होंने शांतिभंग 151 के तहत कार्रवाई की थी।
- थाना दिवस में कई लेखपाल और अधिकारी मौजूद थे।
- थानेदार ने कहा कि उन्हें पता भी नहीं था कि वह सेना में तैनात हैं।
- उनके द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं।
- सभी अधिकारी इस बात के गवाह हैं थाना दिवस तो दूर वह किसी भी पीड़ित (army man) से अभद्रता नहीं करते हैं।
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