यूपी के मेरठ जिले में स्थित सनातन धर्म स्कूल के छात्र आज उस समय उग्र हो गये जब स्कूल के प्रधानाचार्य ने फीस वृद्धि के आदेश वापस लेने से मना कर दिया। उग्र छात्रों ने शिक्षा के मन्दिर में जमकर तोडफ़ोड़ और बवाल किया। उत्तर प्रदेश शासन के मुफ्त शिक्षा एवं सस्ती शिक्षा के जो आदेश जारी किए हैं। उनको स्कूल प्रबंधन का फीस वृद्धि करने का फरमान मानो अंगूठा दिखा रहा है। (sanatan dharma school meerut)
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प्रिंसिपल पर फटकारने का आरोप
- स्कूल के टीचरों का भी मानना है कि हर बच्चा बड़ी फीस देने में समर्थ नहीं है।
- ऐसे में जब हम फीस माफी के लिये प्रिंसिपल से कहते है तो उन्हें फटकार लगती है।
- हमारे खिलाफ विभागीय कार्रवाई की धमकी दी जाती है।
- स्कूल में कुछ बच्चे मेहनत मजदूरी करके फीस जमा करवा रहे हैं ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।
- शासन का आदेश है कि आठवीं तक सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को शिक्षा नि:शुल्क दी जायेगी।
- कक्षा नौ से बारह तक के छात्रों से सरकार द्वारा निर्धारित फीस ही छात्रों से ली जायेंगी।
- इतना ही ही नहीं, बल्कि खिलाड़ी, वीरता और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त छात्रों का शुल्क माफ किया जायेगा। (sanatan dharma school meerut)
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तीन गुनी फीस वसूल रहा स्कूल
- सनातन धर्म इंटर कालेज में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है का कहना है कि उनकी सालाना फीस चार से छह सौ रुपये के करीब है।
- जबकि स्कूल द्वारा लगभग चौबीस सौ रुपये वार्षिक फीस ली जा रही है।
- बड़ी फीस को कम करने के लिए वह प्रधानाचार्य से कई बार गुहार लगा चुके हैं।
- राहत न मिलने पर डीएम से भी गुहार लगाई।
- डीएम ने छात्रों के पत्र पर शिक्षण शुल्क माफ करने का आदेश लिख दिया।
- छात्रों का कहना है कि प्रधानाचार्य ने उस आदेश को भी मानने मना कर दिया।
- प्रधानाचार्य के डांट फटकार से क्षुब्ध छात्रों ने विघालय परिसर में तोडफ़ोड़ कर दी।
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खर्चा भी छात्रों से वसूल रहा स्कूल प्रशासन
- प्रधानाचार्य का कहना है कि फीस तो कम है।
- लेकिन कॉलेज चलाने के लिए शिक्षक, बिजली, जैनरेटर के लिये फ्यूल और फर्नीचर जैसे बहुत से खर्च है।
- सरकार इलाज लिए कोई पैसा नहीं देती है।
- स्कूल को चलाने के लिए पैसा चाहिये होता है।
- इसलिए प्रत्येक छात्र से कुछ अतिरिक्त शुल्क फीस में जोड़कर लिया जाता है।
- भले ही प्रधानाचार्य के तर्क में मजबूती हो, लेकिन ऐसे में गरीब छात्रों और प्रशासन के फीस माफ करने के आदेश की अवहेलना करना उचित नहीं है।
- देखना होगा कि गुस्से में की गई तोड़फोड़ की क्या सजा इन छात्रों को मिलती है या कुछ कार्रवाई प्रधानाचार्य पर भी होती है। (sanatan dharma school meerut)