सूबे में सत्ता बदली, तो लगा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पिछली सरकार से बेहतर होगी। प्रदेश में हो रहे अवैध कार्यों पर रोक लगेगी। लेकिन यहां तो खनन माफियाओं पर अंकुश लगाने के बजाय पुलिस वाले खनन की गाड़ियों को संरक्षण दे रहे हैं।
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क्या है मामला
सीतापुर जिले के मोहाली थाने की प्रभारी रंजना सचान का एक ऑडियो वायरल हुआ है। जिसमें वो अपने ही थाने पर तैनात दरोगा सलीम मलिक से बात कर रही हैं। जिसमें वो हाईवे पर जा रहे अवैध बालू लदी गाड़ियों नहीं रोकने का आदेश दे रही है। साथ ही ऑडियो में रंजना सचान ने दरोगा को धमकी भी दी, ‘गाड़ियों से अगर पैसा लिए तो एसपी के शिकायत करूंगी’। हालांकि uttarpradesh.org इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
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https://www.youtube.com/watch?v=pyRMYHhBF6U&feature=youtu.be
ऑडियो सुनें
‘कार्रवाई के बदले मिला ट्रांसफर’
इस कार्रवाई से नाराज थाना प्रभारी रंजना सचान ने दरोगा शलीम मलिक का ट्रांसफर करा दी। महोली थाने से सलीम को थानगांव थाने पर जाने का आदेश उसे दे दिया गया है। हालांकि अभी उसे थाने से रिलीव नहीं किया गया है।
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बढ़ता गया अवैध खनन का काम
सरकारें बदलीं, नहीं बदला तो सिर्फ जिले में अवैध बालू खनन करने का काम। शाम होते ही खनन माफिया अवैध खनन के काम में जुट जाते हैं। अखिलेश सरकार में सफेद रेत का यह काला कारोबार जिले में खूब फला-फूला। डायल 100 की टीम के गठन के बाद एक आश जगी थी कि अवैध खनन पर अंकुश लगेगा। शुरू में तो डायल 100 की टीम ने अवैध खनन कर रहे जेसीबी, डम्फर, ट्रैक्टर ट्रालीयां पकड़ीं। समय के साथ-साथ धर पकड़ धीमी होती गई और अवैध खनन करने में ट्रैक्टर ट्रालियों की संख्या बढ़ती गई।
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बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस पूरे मामले में पुलिस के बड़े अधिकारी और सूबे सीएम अवैध खनन को रोकने वाले दरोगा शलीम को कार्रवाई के बदले मिले तबादले पर क्या कार्रवाई करते हैं।