यूपी पुलिस के कुछ दागदार पुलिसकर्मी जनता की सुरक्षा और घटना की सूचना मिलते ही फौरन मौके पर पहुंचने के लिए उपलब्ध कराई गई डॉयल 100 की गाड़ी से डग्गेमारी करके सवारियां ढ़ो रहे थे। इस खबर को uttarpradesh.org ने ‘क्या डॉयल 100 के आये बुरे दिन, सवारियां ढ़ो रहे पुलिसकर्मी?’ नामक शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया।

  • हमारी खबर का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए आईजी जोन लखनऊ ए सतीश गणेश ने इनोवा कार पर ड्यूटी में लगे हेड कांस्टेबल रामभरोसे और धर्मेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच शुरू करवा दी है।

यह है पूरा मामला

  • पुलिस की इनोवा में सवारियां ढ़ोते दिखाई दे रही यह तस्वीर लखीमपुर खीरी जिले की है।
  • यहां पैसे के लिए अस्मिता बेच रहे सिपाही पुलिस की इनोवा (यूपी 32डीजी 2850) एलआरपी चौराहे से सीतापुर तक धड़ल्ले से सवारियां बैठकर पैसे कमा रहे हैं।
  • स्थानीय लोगों की माने तो पुलिस का यह खेल रात में और जोरों पर चलता है।
  • पुलिस पर आरोप यह भी है कि डॉयल 100 पर तैनात सिपाहियों के रेट भी फिक्स हैं।
  • किसी सूचना पर जब यह पुलिसकर्मी ग्रामीण इलाकों में पहुंचते हैं तो दो से लेकर 5 हजार रुपये तक पीड़ितों से वसूल करते हैं।
  • लोगों की मानें तो डॉयल 100 पर तैनात सिपाही अपना कनेक्शन सीधे लखनऊ से जुड़ा होने की बात कहकर धमकाते भी हैं।
  • शहर और ग्रामीण इलाकों में पुलिस की गाड़ी में बैठकर पुलिसकर्मी सूनसान जगहों पर जमकर वसूली करते हैं।
  • सूत्रों की मानें तो वसूली करने वाले सिपाहियों ने रेट फिक्स कर रखे हैं।
  • इनमें भारी लोडेड ट्रकों से 100 से लेकर 500 रुपये, ट्रैक्टर से 50 रुपये और छोटा हाथी या लोडर से 20 से 100 रुपये तक वसूले जाते हैं।
  • वसूली का यह खेल शाम होते ही शहर के ग्रामीण इलाकों में भी शुरू हो जाता है इससे भयंकर जाम की भी स्थिति बन जाती है।

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https://youtu.be/3I67zaBHIS0

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