पूरे देश में ‘मोगली गर्ल’ के नाम से मशहूर 8 साल की बच्ची की पहचान हो गई है। मीडिया में छापे फोटो एवं ख़बरों और न्यूज चैनलों पर देखने के बाद बच्ची के नाना और पापा उसकी फोटो लेकर अस्पताल पहुंचे। जौनपुर जिला के थाना बादशाह पुर क्षेत्र के गांव कमालपुर निवासी रमजान ने साक्ष्य प्रस्तुत किया कि कतर्निया जंगल में मिली अबोध बालिका वन दुर्गा उर्फ मोगली गर्ल उसकी गुमशुदा बेटी अलीजा है।
- वहां जब उन्हें जानकारी हुई कि बेटी को लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया है।
- तो उसके परिवार वाले शनिवार को बहराइच से अपने साथ उसकी तस्वीरें लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
- अब देखना यह होगा कि खुद को बच्ची के नाना और पापा बता रहे व्यक्तियों की बात में कितनी सच्चाई है।
- हालांकि बाल गृह के अधिकारी पूरे मामले की पड़ताल के बाद क़ानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची को उसके घरवालों के भेजेंगे या नहीं यह तो बाद में ही पता चल पायेगा।
एम्बुलेंस से लखनऊ लाई गई वनदुर्गा
- बता दें कि वन दुर्गा इलाज के लिए शनिवार को सुरक्षा के बीच एम्बुलेंस से लखनऊ पहुंच गई। बच्ची अभी वह मानसिक रूप से पूरी तरह से ठीक नहीं है।
- मासूम को केजीएमयू लाया गया यहां से उपचार के बाद उसे इंदिरानगर स्थित बाल गृह में रखा गया है।
- बाल कल्याण समिति ने वन दुर्गा को विशेष बाल गृह भेजने की अनुमति दी थी।
- वन दुर्गा को शनिवार को सुबह चाइल्ड लाइन की टीम महिला पुलिस सुरक्षा के साथ एंबुलेंस से लेकर लखनऊ ले पहुंची।
- बता दें कि मोगली गर्ल से नाम बदलकर जिलाधिकारी अजयदीप सिंह ने बच्ची का नाम वन दुर्गा रख दिया था।
कई डॉक्टर भी कर रहे देख रेख
- बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. राधेश्याम वर्मा ने बताया कि इस मामले में मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. डीके सिंह, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा और चाइल्ड लाइन के निदेशक डॉ. जीतेंद्र चतुर्वेदी ने बाल कल्याण समिति के समक्ष वन दुर्गा की रिपोर्ट पेश की थी।
- रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद समिति के सदस्यों से विचार विमर्श करके वन दुर्गा को इलाज और देखभाल के लिए लखनऊ स्थित विशेष बाल गृह में अनुमति दी गई है।
- इंदिरानगर से बच्ची को जानकीपुरम में दृष्टि सामाजिक संस्था द्वारा संचालित विशेष बाल गृह भेज दिया।
- चिकित्सकों के मुताबिक, वन दुर्गा ने सुबह महिला चिकित्साकर्मी के सहयोग से स्नान किया था फिर उसने खाना भी खाया।
- वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि वह पूरी तरह सामान्य है। उसके शरीर पर जख्मों के निशान हैं जो कुछ दिनों में ठीक हो जायेंगे।
मोतीपुर रेंज में मिली थी ‘वनदुर्गा’
- बहराइच जिले में कतार्निया घाट जंगल में तैनात वन दरोगा सुरेश यादव के अनुसार मोतीपुर रेंज में वह करीब दो महीने पहले गश्त कर रहे थे।
- उनकी टीम खपरा वन चौकी के पास पहुंची ही थी कि उनको जंगल में एक बंदरों का झुंड दिखाई दिया। इस झुंड में एक बच्ची को बंदरों ने घेर रखा था, बच्ची के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे।
- यह नजारा देख वनकर्मियों के होश उड़ गए।
- बड़ी मुश्किल से सुरेश ने मासूम को बंदरों के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास किया बन्दरों के झुंड ने टीम पर हमला कर दिया।
- बंदर गुस्से वाली आवाजें निकाल रहे थे वैसे ही बच्ची भी आवाज निकाल रही थी।
- टीम ने बच्ची को काफी मशक्कत के बाद अपने साथ उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया जहां उसका इलाज चल रहा है।
- चिकित्सकों के मुताबिक बच्ची में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है।
- वहीं अस्पताल में आने जाने वाले लोग इसे ‘वनदुर्गा’ के नाम से भी बुलाने लगे हैं।
शरीर पर थे जानवरों के कटे के निशान
- मोगली गर्ल के नाम से मशहूर हो चुकी इस बच्ची का इलाज कर रहे चिकित्सकों के मुताबिक, जिस समय इसे अस्पताल में भर्ती करया गया था उस समय बच्ची के शारीर पर जंगली जानवरों के काटने के जख्म थे।
- वह हम लोगों की भाषा भी नहीं समझ पाती है पहले वह कभी-कभी हिंसक हो जाती थी और जानवरों की तरह चीखने चिल्लाने लगती थी।
- इस दौरान पैरामेडिकल स्टाफ को उसके पास जाने में भी डर लगता था लेकिन अब वह खुद कपडे़ भी पहन लेती है।
- डॉक्टरों के अनुसार पहले जानवरों की तरह चलने वाली यह बच्ची अब सीधे होकर चलने भी लगी है।
https://youtu.be/P-cDA1oBK7E
आखिर कौन जंगल में छोड़कर गया?
- मीडिया में मोगली गर्ल वॉयरल होने के बाद से अस्पताल में उसे देखने के लिए रोज भयंकर भीड़ जमा हो रही थी।
- यहां आने वाले लोगों का कहना है कि लड़की पैदा होने की वजह से ही बच्ची को जन्म देने वाले उसके माता-पिता ने जंगल में छोड़ कर चले गए।
- अब इस मासूम के माता-पिता कौन यह पता लगाना मुश्किल हैं।
- लेकिन उसे पालने के लिए कई लोगों ने गोद लेने के लिए मन बनाया हुआ है।
- वहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों की भी बच्ची पर पूरी नजर बनी हुई है।