मेरठ के करोड़पति शिकारी प्रशांत के घर से बरामद प्रतिबंधित वन्य जीवों की खाल और मांस की जांच करने के लिए देहरादून से वर्ल्डवाइड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया की टीम मंगलवार को मेरठ पहुंची।
- वन्य जीवों की खाल और मांस को पिछले दिनों वन विभाग की टीम ने सूचना के आधार पर छापेमारी करके बरामद कर सील कर दिया था।
- जांच टीम ने मेरठ वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बरामद वन्य जीवों के मांस की सैम्पल लिए।
- इस पूरे प्रकरण की जांच में सहयोग के लिए वाइल्ड लाइफ कण्ट्रोल ब्यूरो और यूपी एसटीएफ से भी जांच में सहयोग मांगा गया है।
- बता दें कि इस शिकारी को बिहार सरकार ने नील गाय मरने का परमिट दिया था इसके बाद इस शूटर ने ऐसा कारनामा किया जिसे सुनकर लोगों की आंखे खुली की खुली रह जाती हैं।
छापेमारी में मिली थीं वन्यजीवों की खाल और मांस
- बता दें कि पिछली 30 अप्रैल को मेरठ में रिटायर्ड कर्नल की कोठी पर डीआरआई की छापेमारी के दौरान वन्य जीवों की खाल, सींग, खोपड़ी व मांस आदि मिलने के बाद हड़कंप मच गया था।
- पश्चिम क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार के अनुसार उनकी टीम ने कर्नल देवेंद्र कुमार और उनके बेटे प्रशांत विश्नोई के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण की कई धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- इसमें वह सबसे पहले बरामद मांस को वाइल्ड लाइफ इंस्टीयूट देहरादून जांच के लिए भेज रहे हैं।
- इसके बाद ही पता चल पाएगा कि बरामद मांस किस किस जानवर का है।
- उन्होंने बताया कि जिस जिस जानवर के अवशेष वहां मिला है सब शेड्यूल फर्स्ट के जानवर है।
- इन मामलों में 3 साल से सात साल की सज़ा है और 10 हजार का जुर्माना भी है।
- उनका कहना है कि जांच के दौरान इस रिपोर्ट में कुछ और नाम भी बढ़ सकते हैं और 90 दिन के अंदर वो अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट को दे देंगे।
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