उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा में बुधवार 12 जुलाई को नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी की टेबल के नीचे PETN विस्फोटक पदार्थ पाया गया था, जिसके बाद शुक्रवार 14 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुरोध और विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित के आदेश के बाद सदन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। लेकिन कद्दावर नेताओं(vijay pratap) का परिचय पूछना भी विधानसभा सुरक्षा कर्मियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
परिचय पूछने पर भड़के बसपा विधायक(vijay pratap):
- बीते बुधवार को यूपी विधानसभा में PETN विस्फोटक मिला था।
- जिसके तहत मुख्यमंत्री के निवेदन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की सुरक्षा को बढ़ा दिया है।
- लेकिन सदन के सुरक्षा कर्मियों के लिए कद्दावर नेताओं का परिचय पूछना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
- विधानसभा अध्यक्ष के आदेश, बिना परिचय पूछे प्रवेश पर रोक का पालन सुरक्षा कर्मियों द्वारा किया जा रहा था।
- इसी बीच बसपा विधायक से उनका परिचय पूछे जाने के बाद वे सुरक्षा कर्मियों पर भड़क गए।
- आजमगढ़ से बसपा विधायक विजय प्रताप सुरक्षा कर्मियों द्वारा परिचय पूछे जाने पर भिड़ गए।
विधानसभा में टेबल के नीचे मिला था विस्फोटक(vijay pratap):
- गुरुवार को यूपी विधानसभा में अब तक की सबसे बड़ी चूक सामने आई है।
- जिसके बाद मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया है।
- 12 जुलाई को मानसून सत्र के दौरान टेबल के नीचे विस्फोटक मिला था।
- फॉरेंसिक जांच में PETN विस्फोटक की पुष्टि की गयी है।
- गौरतलब है कि, PETN पदार्थ का प्रयोग आतंकियों द्वारा ट्रेन में धमाके के लिए किया गया था।
- ज्ञात हो कि, चेकिंग के दौरान डॉग स्क्वाड भी विस्फोटक को सूंघ नहीं सका था।
कैसे पहुंचा होगा विस्फोटक(vijay pratap):
- विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
- मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं।
- लेकिन हैरानी की बात ये है कि मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई विस्फोटक लेकर कैसे पहुँच गया?
- वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
- इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
- विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था।
- जब राजधानी स्थित विधानसभा सुरक्षित नहीं है तो पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रबंध कैसे होंगे?
- ATS को इस मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं।
- 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में PETN का इस्तेमाल किया गया था।
- ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है।
- ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है।
- वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है।
- ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी?
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