राजधानी लखनऊ के हजरतगंज जैसे हाई सिक्यूरिटी जोन में पुलिस पिकेट से चंद कदम की दूरी पर स्थित कसमंडा अपार्टमेंट में रहने वाले भाजपा के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के पुत्र वैभव तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपी विक्रम सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विक्रम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने गया था लेकिन पहले से जाल बिछाए बैठी पुलिस ने उसे धर दबोचा। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि उसके साथी सूरज शुक्ला की पुलिस सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
क्या है कोर्ट में आत्मसमर्पण का पूरा घटनाक्रम?
- गौरतलब है कि हजरतगंज चौराहे पर शनिवार रात भाजपा से तीन बार विधायक रहे प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के पुत्र वैभव तिवारी (30) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- वैभव डुमरियागंज के दमुआपुर, गांव का प्रधान था।
- रात करीब 9:00 बजे उसके परिचित सूरज शुक्ला ने फोन कर चौराहे पर बुलाया।
- दोनों में झगड़ा हुआ तो सूरज के दोस्त और हिस्ट्रीशीटर विक्रम ने पिस्टल निकालकर वैभव के सीने में गोली मार दी।
- वैभव को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- एसएसपी ने बताया कि आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही है।
- डुमरियागंज से विधायक रहे जिप्पी कसमंडा अपार्टमेंट में पत्नी संध्या
- बेटे वैभव और उसकी पत्नी शिवांशु तथा तीन साल की बेटी वैष्णवी के साथ रह रहे थे।
- वैभव प्रॉपर्टी का कारोबार करता था। (कोर्ट में आत्मसमर्पण)
- परिवारीजनों ने बताया कि वैभव की मां संध्या डुमरियागंज से बीडीसी हैं, वैभव इकलौता बेटा था।
- वैभव का रिश्तेदार गोमतीनगर निवासी आदित्य शनिवार को उनके घर आया था।
- आदित्य ने बताया कि दोनों अपार्टमेंट के बाहर पार्क रोड पर टहल रहे थे।
- उसी समय वैभव के परिचित अर्जुनगंज के खुर्दही बाजार निवासी प्रॉपर्टी डीलर सूरज ने फोन किया
- बिजनेस की बात करने के लिए हजरतगंज चौराहे पर बुलाया।
- इसी बीच, वैभव के पिता आ गए। आदित्य उनके साथ अपार्टमेंट चला गया।
- आदित्य के जाते ही सूरज और उसका हिस्ट्रीशीटर साथी नरही निवासी विक्रम सिंह काले रंग की सफारी से वहां आ गए।
- वैभव कसमंडा हाउस के गेट पर ही उनसे बातचीत करने लगा।
- आदित्य नीचे उतरा तो वैभव और सूरज के बीच तनातनी चल रही थी।
- उसने बीचबचाव किया तो सूरज ने धमकी और गालियां दी।
- वैभव ने विरोध किया तो विक्रम ने पिस्टल निकाल ली और वैभव पर फायर कर दिया।
- गोली लगते ही वैभव जमीन पर गिर गया।
- विक्रम और सूरज भाग खड़े हुए। (कोर्ट में आत्मसमर्पण)
- आदित्य ने फोन कर पूर्व विधायक को बुलाया।
- दोनों कार से वैभव को लोहिया अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
- पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए लखनऊ पुलिस ने एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार को हिरासत में लेकर करीब 3 घंटे की पूछताछ की थी।
- लेकिन उसके ठिकानों का कोई सुराग नहीं लग पाया।
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