उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला के कोतवाली देहात क्षेत्र के चकरपुर गांव में बैनामे की विवादित जमीन की पैमाइश कराने पहुंचे अधिकारियों व पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। ग्रामीणों के पथराव में सीओ लंभुआ, इंस्पेक्टर चांदा, कोतवाली देहात के उपनिरीक्षक व एक सिपाही घायल हो गया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिससे नौ महिलाओं को चोटें आई है। गंभीर रूप से घायल तीन पुलिस कर्मियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना से नाराज ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया। अधिकारियों के समझाने पर ग्रामीण शांत हुए। तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई है।
एडीएम वित्त अमरनाथ राय ने बताया कि जिस स्थान पर कब्र खोदी गई थी वहां पर शव को नहीं दफनाया गया है। विवादित भूखंड से दूर शव को दफन करवाया गया है। करीब एक घंटे बाद मामला शांत हुआ। चकरपुर गांव में तनाव को देखते हुए पीएसी के साथ ही पुलिस तैनात की गई है। एसपी अनुराग वत्स ने कहा कि पुलिस टीम पर हमला करने वाले बख्से नहीं जाएंगे। घटना में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। पत्थरबाजी में सीओ लंभुआ, इंस्पेक्टर चांदा, उपनिरीक्षक व एक सिपाही घायल हुआ है। कई अन्य लोगों को मामूली चोटें पहुंची हैं। इस घटना की साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
जानकारी के मुताबिक, चकरपुर गांव निवासी रामकृपाल ने अरविंद दुबे और एक स्कूल के नाम पर गाटा संख्या 19 का बैनामा किया था। उसके कुछ हिस्से में स्कूल बना है। काफी भूखंड खाली है। आरोप है कि भूमि पर गांव के कुछ लोग जबरन शव दफनाने की कोशिश कर रहे हैं। अरविंद दुबे ने विवादित भूखंड की पैमाइश के लिए जिलाधिकारी से मांग की थी। डीएम के आदेश पर शनिवार को एसडीएम सदर प्रणय सिंह, सीओ लंभुआ दलवीर सिंह, इंस्पेक्टर चांदा संजय कुमार सिंह, कोतवाली देहात के उपनिरीक्षक रामकुमार के साथ अन्य पुलिसकर्मी व राजस्व टीम पैमाइश करने पहुंची थी। पैमाइश के पूर्व ही गांव के दलित जेठूराम अपने बेटे गुलाब (30) का शव लेकर बस्ती के अन्य लोगों के साथ वहां पहुंच गए।
ग्रामीणों का कहना है कि जिसे विवादित भूमि बताया जा रहा है उस पर दलित लोग कई वर्ष से शव दफनाते आए हैं। अधिकारियों ने इसे कब्रिस्तान की भूमि होने से इन्कार करते हुए पैमाइश कराने की बात कही। अधिकारियों की बात सुनते ही ग्रामीण उग्र हो गए और अधिकारियों के साथ ही पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया।अचानक पथराव से सीओ लंभुआ, इंस्पेक्टर चांदा, कोतवाली देहात के उपनिरीक्षक व सिपाही दिनेश घायल हो गए। गंभीर हालत में निरीक्षक संजय सिंह, उपनिरीक्षक रामकुमार और सिपाही दिनेश कुमार को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारियों ने घटना की सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को दी। एसपी अनुराग वत्स अन्य अधिकारियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और घायल पुलिस कर्मियों के उपचार के बारे में डॉक्टर से जानकारी ली।
उधर गांव में पथराव के बाद पुलिस के बल प्रयोग से सोना, संगीता, क्रांति, नीता, पुट्टू, प्रभावती, सावित्री, शांति और फुलेसरा को भी चोटें आई हैं। घटना से नाराज ग्रामीण शव लेकर दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे इलाहाबाद-फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अहिमाने बाजार में पहुंचे और शव रखकर जाम लगा दिया। हाईवे जाम होने की सूचना मिलते ही एएसपी, एसडीएम बल्दीराय और एसडीएम सदर प्रणय सिंह पहुंच गए। ग्रामीणों ने अधिकारियों से खोदी गई कब्र में ही शव दफनाने की मांग की। अधिकारियों के समझाने पर करीब एक घंटे बाद ग्रामीण मानें। ग्रामीणों की पत्थरबाजी से गांव में स्थित स्कूल को नुकसान हुआ। प्रबंधक अरविंद दुबे ने बताया कि पत्थरबाजी से स्कूल के खिड़की, दरवाजे और अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गया।
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