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श्रावस्ती: राप्ती नदी पर ग्रामीणों ने खुद ही बना डाला अस्थाई पुल

Shravasti: villagers made temporary bridge on Rapti river

Shravasti: villagers made temporary bridge on Rapti river

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में जब प्रशासन ने ग्रामीणों की नहीं सुनी तो उन्होंने हिम्मत करके राप्ती नदी पर खुद ही अस्थाई पुल बना डाला। पुल ना बनने से अधर में लटके विकास को गति देने के लिए ग्रामीणों ने खुद अपने हाथ मजबूत किये और मंजिल तक सफर आसान करने के लिए अलग-अलग घाटों पर बांस बल्ली के सहारे पुल बना डाला। अब ग्रामीणों ने खुद ही चंदा लगाकर अपने रास्ते को आसान किया है।

जानकारी के मुताबिक, श्रावस्ती जिला के इकौना, गिलौला विकास क्षेत्र के दर्जनों गांव राप्ती नदी के किनारे पर स्थित है। नदी में पानी भरा होने से गांव के लोग गांव में ही कैद होकर रह गए थे। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भी गांव तक नहीं पहुंच पाती थी। बरसात के दिन बीतने के बाद जब कछार में पानी कम होता है तो क्षेत्र के किसान या सब्जी की खेती करते हैं। इसे मंडी तक पहुंचाने के लिए रास्ता ना होने से किसानों की गरीबी दूर नहीं हो पाती थी।

जिला तहसील व ब्लाक मुख्यालय पहुंचने के लिए यहां के लोगों को 30 से 45 किलोमीटर तक अतिरिक्त सफर करना पड़ता था। कछार का इलाका होने से यहां सुगम यातायात के साधनों की कमी थी। गांव के लोगों को कड़ी मेहनत कर राप्ती नदी के सिसवारा, मध्य नगर के बेली ककरा, व मझौवा सुमाल घाटों पर खुद से लकड़ी का पुल बना कर तैयार कर लिया। अस्थाई ही सही पर इन्होंने कछार में रह रहे लोगों की ठहरी हुई जिंदगी को नई गति दी है।

गिलौला ब्लाक के सिसवारा घाट पुल के देखरेख की जिम्मेदारी के लिए सोहन लाल वर्मा बताते हैं कि पुल के सहारे नदी पार करने वाले लोगों से मलाही के तौर पर कुछ रुपए लिए जाते हैं। साइकिल सवार से 5 रुपये, बाइक सवार से 10 रुपये लिए जाते हैं। इस पैसे से पुल बनाने का खर्च तो निकलता ही है। इसकी सुरक्षा व प्रबंध देखने वाले लोगों को रोजगार भी मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार मांग करने के बावजूद जब जिम्मेदारों ने नहीं सुनी तो उन्होंने राप्ती नदी के कछार में स्थित गांव के लोगों ने पुल बना दिया। ग्रामीणों ने बताया कि अति पिछड़े क्षेत्रों को तहसील ब्लाक व जिला मुख्यालय से जुड़ने के लिए नदी के घाटों पर पक्के पुल की दरकार है लंबे समय से है लेकिन ग्रामीणों की इस जरूरत पर सिर्फ राजनीति हो रही है।

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