शामली में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने जवानों को अर्पित की अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
गुरुवार रात नौ बजे सीआरपीएफ के टूआइसी एसएस यादव ने प्रदीप के पिता जगदीश सिंह व रात एक बजे अमित के भाई अजरुन को उनकी शहादत की सूचना फोन पर दी थी। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए शामली के लाल प्रदीप कुमार और अमित कुमार का पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर भारत माता की जय-जयकार गूंज उठी। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलवामा विस्फोट में शहीद हुए प्रदीप कुमार प्रजापति (37) पुत्र जगदीश सिंह सीआरपीएफ की 21 वीं बटालियन में कांस्टेबल और अमित कुमार (23) 92वीं बटालियन में तैनात थे।
- बनत में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद प्रदीप का अंतिम संस्कार किया गया।
- वहीं, अमित के परिजनों ने शहीद का स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की मांग की।
- मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया।
- प्रदीप की पत्नी शर्मिष्ठा व दो बच्चे गोविंदपुरम (गाजियाबाद) में रहते हैं। अमित कुमार अविवाहित थे।
- शहीद प्रदीप के अंतिम दर्शन को पूरा गांव उमड़ पड़ा।
- पार्थिव शरीर के दर्शन को लोग पेड़ों पर चढ़ गए। लोगों में गम और गुस्से का गुबार भरा हुआ था।
शहीद अमित के परिजनों ने स्मारक के लिए जमीन देने की मांग की
पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, रेलपार में शहीद अमित के परिजनों ने स्मारक के लिए जमीन देने की मांग प्रशासन से की। शहीद के नाम अलग से जमीन आवंटित की जाए। इसी जमीन पर अंतिम संस्कार होगा और उनका स्मारक बनेगा। उनका परिवार रेलपार कॉलोनी में रहता है। शहीद जवानों के घर पर सांत्वना देने हजारों लोग पहुंचे। शुक्रवार सुबह डीएम, एसपी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता व संगठन के नेता व लोगों ने शहीदों के घर पहुंचकर परिजनों को ढाढस बंधाया। \
- उन्होंने मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया।
- प्रशासन ने एसपी दफ्तर के पास नगर पालिका की जमीन की सफाई कराई।
- इसके बाद भी परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हुए।
- उनकी मांग है कि शहीद का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर नहीं करेंगे।
दो जवानों की शहादत पर नहीं जले चूल्हे
कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में दो बेटों की शहादत से पूरे जिले में गम और गुस्सा है। सीआरपीएफ में तैनात बनत निवासी प्रदीप कुमार व रेलपार कॉलोनी निवासी अमित कुमार की शहादत के बाद पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोशित लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी से खून के बदले खून की मांग की है। डीएम अखिलेश सिंह व एसपी अजय कुमार पांडेय समेत विभिन्न जनप्रतिनिधियों में शहीद जवानों के घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी। घरों में चूल्हे नहीं जले।
पाकिस्तान के खिलाफ फूटा गुस्सा, पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगाये गये नारे
पूरे जिले में विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व हिंदूवादी संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पाकिस्तान का झंडा जलाया और पीएम नरेन्द्र मोदी से पाकिस्तान पर हमला करने व खून का बदला खून से लेने की मांग की गई। शोक सभाओं में दोनों शहीदों को श्रद्धाजंलि दी गई। कैंडल मार्च भी निकाला। ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, प्रदीप-अमित तेरा नाम रहेगा’ के गगनभेदी नारों से चारों दिशाएं गूंज उठीं।
रोके नही रुके माँ के आंसू
शहीद प्रदीप की मां सुनेलता की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे हैं। वह चीख रहीं हैं, चिल्ला रही हैं और कह रही हैं कि कोई मेरे लाल को लौटा दो। रोते-रोते आसपास बैठी महिलाओं से कहती रहीं कि अभी तो चार दिन पहले गया था और मुझसे वायदा किया था कि जल्दी घर आएगा। विलाप करते हुए मां याद करती रहीं प्रदीप के जन्म से लेकर अब तक जुड़ी यादों को। सुनेलता को संभालते हुए कोई कह रहा था कि देश के लिए शहीद हुआ है हमारा प्रदीप तो कोई कह रहा था कि ईश्वर को यही मंजूर था।
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