गंगा के बढ़ते जल-स्तर के कारण दुबेछपरा स्थित रिंग बांध की स्थिति जर्जर हो चली है. लेकिन इसे बचाने का काम अब भी चल रहा है. गुरुवार शाम को अचानक प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए और मौके से काम कर रहे मजदुर चले गए. प्रशासन ने गाँव खाली कराने का आदेश भी दे दिया था. जिसके बाद गाँववालों में अफरा-तफरी मच गई थी. गाँव के लोगों ने अपने-अपने घरों के समान को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना शुरू कर दिया था.
प्रशासन का लचर रहा रवैया:
- वहीं कुछ गाँव वाले उस बांध के कमजोर हिस्से से पर मरम्मत का काम शुरू कर दिए थे.
- बाद में पुरे गाँव के लोगों ने रात भर मिट्टी से भरी बोरियों को डालकर बांध को टूटने से बचा लिया.
- खतरा अभी भी बना हुआ है और कटान उस इलाके में कम नही हुई है.
- लेकिन प्रशासन की लापरवाही ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं.
- सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव के निरीक्षण के बावजूद स्थानीय सिंचाई विभाग की लापरवाही जारी रही.
- मौके पर डीएम बलिया और कलेक्टर के नेतृत्व में कैम्पिंग की गई और बांध का निरीक्षण दुबारा किया गया.
- बावजूद इसके ठेकेदार मजदुर उपलब्ध कराने से कतराते रहे.
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इंजिनियर कुमार गौरव से हुई बातचीत के दौरान उन्होंने मदद के लिए मजदुर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. बता दें कि पूरी रात गाँव वालों ने मोर्चा संभाले रखा और फिर सुबह भी लगे हुए हैं . गाँववालों का कहना है कि स्थानीय बचाव दल दिलचस्पी नही दिखा रहा है.
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