पूरे देश में आक्रोश की ज्वाला भड़का देने वाला राजधानी लखनऊ का विवेक तिवारी हत्याकांड हर शख्स की जुबान पर है। इस हत्याकांड ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की बेशर्मी की पराकाष्ठा पार कर दी। एप्पल मोबाईल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर (नार्थ) की सिपाही प्रशांत चौधरी ने सर्विस पिस्टल से गोली मारकर उस वक्त हत्या कर दी थी जब वह अपनी सहकर्मी को मोबाईल लॉन्चिंग के बाद उसके घर छोड़ने जा रहे थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड पर डीजीपी ओम प्रकाश सिंह से लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी सहित तमाम अधिकारी पर्दा डालने में लगे रहे थे। सभी पुलिस महकमें की फजीहत को होने से बचाते रहे।
लेकिन सबकी पोल इस हत्याकांड की इकलौती चश्मदीद सना खान ने पोल खोलकर रख दी। शनिवार दिनभर और देर रात तक चले मंथन के बाद जब जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मीडिया के सामने बयान दिया कि पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और मृतक की पत्नी कल्पना को नगर निगम में सरकारी नौकरी दी जायेगी। इसके बाद परिवार विवेक का अंतिम संस्कार करने को राजी हुआ और प्रदर्शन खत्म किया। रविवार सुबह विवेक का कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ के बैकुंठधाम (भैंसाकुंड) में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनकी बेटियों, पत्नी और परिवार के सभी सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल था।
गौरतलब है कि शनिवार देर रात उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस गोली से मरने वाले विवेक तिवारी के परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया। इसके बाद परिवारीजन शव के अंतिम संस्कार को लिए तैयार हो गए। उल्लेखनीय है कि कार सवार विवेक को रात लखनऊ पुलिस ने चेकिंग के दौरान गाड़ी न रोकने पर गोली मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई। विवेक के परिवार वाले सीबीआई जांच, नौकरी और मुआवजा की मांग कर रहे थे। उनकी दो मांगें पूरी हो गईं तीसरी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जरूरत पड़ने पर सीबीआई जांच का भी आश्वासन दिया है।
ध्यान रहे कि विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने कहा था कि मामले में लीपापोती हो रही है। ये एनकाउंटर नहीं है पर मेरी जिंदगी खराब हो गई है। मेरे बच्चे पूछेंगे कि पापा को क्या हुआ? मैं क्या जवाब दूंगी कि पुलिस वालों ने गोली मार दी। ऐसा क्या गलत काम किया था? कितने सवालों का जवाब देती रहूंगी। पुलिस वालों ने परिवार उजाड़ दिया। मुख्यमंत्री जवाब दें कि पुलिस इस तरह किसी की हत्या कैसे कर सकती है। जब तक मुख्यमंत्री नहीं आएंगे अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। मुझे सीबीआइ जांच, मुआवजा और नौकरी चाहिए।
परिवारीजन ने न्यू हैदराबाद स्थित आकाश गंगा टॉवर के बाहर शव रखकर आरोपित सिपाहियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की। विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग की। जब उन्हें अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री शहर में नहीं हैं, तब उन्होंने पत्र लिखकर घटना की सीबीआइ जांच व एक करोड़ के मुआवजे की मांग की। परिवारीजन मांगें पूरी न होने तक शव का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए थे और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। उनके साथ स्थानीय लोगों के साथ कांग्रेस-सपा नेताओं ने भी प्रदर्शन किया।
मंत्री आशुतोष टंडन और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने विवेक के परिवारीजन को समझाने का काफी प्रयास किया, पर वे नहीं मानें। हालांकि देर शाम हालात बिगड़ते देख शासन के आदेश पर देर शाम जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा द्वारा मृतक आश्रित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे और विवेक की पत्नी कल्पना को नगर निगम में अधिकारी की नौकरी देने की घोषणा की गई। जिलाधिकारी ने लिखित में परिवारीजन को पत्र सौंपा। जिसके बाद वह मान गए और उन्होंने विरोध-प्रदर्शन बंद कर दिया था।
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