लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति में काफी उथल पुथल देखी जा सकती है। राम मंदिर का मुद्दा दिन पर दिन गर्माता जा रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले ही डा. प्रवीण तोगड़िया ने राजधानी राम मंदिर निर्माण को लेकर सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को लताड़ लगाई थी और अब विहिप ने अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के सरकार से दो दो हाथ करने का मन बना लिया है।
बता दें कि विहिप ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए साफ तौर पर ऐलान कर दिया है कि 25 नवंबर से अयोध्या से देश भर में कई रैलियां निकाली जाएंगी जिसमें भारी संख्या में रामभक्त सहभागिता करेंगे। विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून लाए जिससे कि अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो 25 नवंबर से देशव्यापी रैलियां निकाली जाएंगी, उन्होंने कहा कि यह रैलियां अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरू में होंगी। इसके बाद दिसंबर में भी कई रैलियां होंगी।
साथ ही उन्होंने बताया कि 9 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली में भी महारैली का आयोजन किया जाएगा साथ ही 18 दिसंबर से राम मंदिर निर्माण के लिए देश व्यापी आंदोलन किया जाएगा।
बता दें कि संतों के साथ बैठक करने के बाद ही यह अहम फैसले लिए गए विहिप प्रवक्ता ने बताया कि राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में जनसभाएं की जाएंगी जिसके तह संतों का प्रतिनिधिमंडल सांसदों से मुलाकात करेगा।
साफ तौर पर देखा जा सकता है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर विहिप ने सरकार को पूरी तरह से घेरने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। हालांकि कि सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्म भूमि मामले में जनवरी तक सुनवाई टाल दी है लेकिन विहिप और स्वंयसेवक संघ ने केंद्र सरकार से संसद के शीत सत्र में राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने का अल्टीमेटम दे दिया है।
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