नशे पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवाज़ उठानी होगी : रोहित अग्रवाल
नेशनल पीजी कॉलेज में नशे के दुष्प्रभाव को लेकर आयोजित हुई परिचर्चा
बतौर मुख्य वक्ता रालोद व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा, युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है नशा
लखनऊ।
नशा एक सामाजिक बुराई है। यह व्यक्ति के दिमाग पर अपना नियंत्रण कर लेता है। जबकि हर किसी को अपने ऊपर किसी दूसरे का नियंत्रण कतई बर्दाश्त नहीं होता। यह बात नेशनल पीजी कॉलेज में नशे के सेवन, बिक्री को बंद करने और उसके दुष्प्रभाव पर आयोजित एक परिचर्चा में बतौर मुख्य वक्ता रालोद व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि नशा युवाओं की ज़िंदगी तबाह करने में अहम भूमिका निभा रहा है। ऐसे में देश के भविष्य को बचाने के लिए नशे पर प्रतिबंध लगना ज़रूरी हो गया है। इसके लिए लोगों को एक साथ मिलकर आवाज़ उठानी होगी। रालोद व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि जब भी नशे की बिक्री को बंद करने की बात होती है, तो आधी आबादी यानी कि महिलाएं तुरन्त समर्थन में आ जाती हैं। इसके अलावा बाकी बचे लोगों में से आधे लोग जागरूकता के चलते साथ खड़े हो जाएंगे। सिर्फ चंद लोग ही बचते हैं, जो नशे की गिरफ्त में हैं। उन्हें इससे बाहर निकालने का काम हम सभी को अपने जिम्मे लेना पड़ेगा।
रोहित अग्रवाल ने आगे कहा कि इस बुराई के खिलाफ सरकारों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। जिस तंबाकू से कैंसर होने की प्रबल संभावना रहती है, उस पर सिर्फ चेतावनी चस्पा कर देने मात्र से काम नहीं चलेगा। नशे के खिलाफ कठोर कदम उठाना ही एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि अभी तक शराब, चरस, गांजा, अफीम जैसे नशे ही प्रचलित थे लेकिन अब तो इंजेक्शन का भी इस्तेमाल होने लगा है। ऐसे में समाज के जागरूक लोगों को आगे आकर सरकार से हर तरह के नशे पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग करनी चाहिए।