उत्तर प्रदेश में इन दिनों नदियां बाढ़ के कहर से उफनाई हुई हैं। गंगा, यमुना, घाघरा, गोमती सहित सभी प्रमुख नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। इलाहाबाद में लगातार बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों में पानी का जलस्तर खतरे के निशान (84.73 मीटर) की ओर बढ़ रहा है, जिससे नदियों के किनारे बसे गांवों में हड़कंप की स्थिति बन गई है। वहीं वाराणसी में गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर 65.78 m पहुँच गया। इससे प्रशासन ने गंगा नदी में नौका विहार प्रतिबंधित कर दिया है। बताया जा रहा है कि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ का पानी मंदिरों में घुस गया है इससे आधे से अधिक मंदिर तक डूब गए हैं। फिलहाल बाढ़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। नदियों के किनारे बसे गांवों को सुरक्षित जगह पर भेजा जा रहा है।
लगातार हो रही बारिश के बीच नदियों के भीतर खतरे के निशान से ऊपर जाने की उम्मीद जताई जा रही है। जिला प्रशासन ने इसे देखते हुए तटीय इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर 78.43 मीटर और यमुना का 77.92 मीटर तक पहुंच चुका है, जिसके बाद प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। वहीं लगातार बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से तो राहत मिली है, लेकिन जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बाढ़ राहत चौकियों पर तैनात ड्यूटी स्टॉफ से निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की ओर से कंट्रोल रूम भी बना दिया गया है। सिंचाई विभाग के मुताबिक नरोरा डैम, कालागढ़ डैम व हरिद्वार बैराज से लगभग एक लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश के कारण केन और बेतवा नदियां उफना उठीं हैं। इन नदियों का पानी यमुना में आ रहा है। इसलिए यमुना में तेजी से पानी बढ़ रहा है। बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई है।
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