हमने सिद्धांतो के साथ कभी समझौता नहीं किया यूपी व

केंद्र सरकार तक हम भागीदार: अनुप्रिया पटेल

2019 का साल महत्वपूर्ण है 2014 की ही तरह पार्टी ने जिस तरह 2 से 2 सीट जीती थीं। 2019 में भी जितनी सीटो पर लड़े परिणाम 100 प्रतिशत होना चाहिए। हमने सिद्धांतो के साथ कभी समझौता नहीं किया यूपी से लेकर केंद्र सरकार तक हम भागीदार हैं यूपी के दोनों सदनों में और लोकसभा में पार्टी उपस्थित है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए की बैठकों में पार्टी का पक्ष रखती रही हूँ, पीएम से मांग की कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए पीएम ने इसे स्वीकार किया और संवैधानिक दर्जा दिया।

हमने न्यायपालिका में पिछड़े दलित की भागीदारी के मामले को उठाया: अनुप्रिया पटेल

न्यायपालिका में पिछड़े दलित की भागीदारी के मामले को उठाया। न्यायाधीश में कमजोर वर्ग की भागीदारी नहीं दिखती है ये भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए जब न्यायिक सेवा का गठन होगा कानून मंत्री ने कहा वो प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूजीसी ने विभागवार रोस्टर लागू कर दिया था। जब ये विसंगति मेरे सामने आई तो पीएम  के संज्ञान में लाया उन्होंने विभागवार रोस्टर पर रोक लगा दी गई इस बार फिर से कोर्ट का निर्देश हुआ और रोक लगा दी गई मैंने फिर से इस विषय को उठाया।

  • कुछ विषय यूपी सरकार के सामने भी लाने का काम किया।
  • जितने भी जनपद है प्रशासनिक 2 प्रमुख पद हैं उनमे सभी जातियों ने वोट किया है।
  • आपको तो हर वर्ग को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी आपकी है।
  • एक सामान्य वर्ग का अधिकारी हो और दूसरा दलित या पिछड़ा।

आउट सोर्सिंग और संविदा में भर्तियों में आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए: अनुप्रिया पटेल

एक बैठक में तो अमित शाह जी भी मौजूद थें उसमे ये मांग उठाई। कहा कुछ जिलों में तो जरूर लागू करें। हमने थाने और तहसीलों में भी इसी व्यवस्था को लागू करने को कहा हमने यूपी सरकार से ये भी कहा बिहार की तरह आउट सोर्सिंग और संविदा में भर्तियों में आरक्षण का पालन कहीं भी नहीं हो रहा है। इन भर्तियों में ध्यान रखना पड़ेगा आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए। अगर बिहार में एनडीए की सरकार ऐसा कर सकती है। तो यूपी में भी कर सकती है सिर्फ मन बनाने की जरूरत है।

आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए: अनुप्रिया पटेल

एक सामाजिक न्याय समिति बनाई गई है। जिसने 27 प्रतिशत आरक्षण में वर्गीकरण को कहा है। पिछड़े, अति पिछड़े, सर्वाधिक पिछड़े का। अपना दल का स्पष्ट मत है हम आरक्षण के वर्गीकरण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन  जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी जिम्मेदारी की बात को हम मानते हैं। आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए ये हम चाहते हैं। क्या यूपी सरकार ने इसका अध्ययन कराया है अगर है।

  • तो यूपी की जनता के सामने इसे स्प्ष्ट रूप से रख देना चाहिए अगड अध्ययन नहीं कराया है।
  • तो कैसे किसी का हिस्सा मारकर दूसरे को दे सकते हैं।
  • ये अन्याय होगा अगर यूपी की सरकार ऐसा करती है।
  • 27 प्रतिशत को बढ़ाने की आवश्यकता पड़े तो बढ़ाइए आप सिर्फ और सिर्फ पिछडो को बाँटने और लड़ाना चाहते हैं।

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