मिर्ज़ापुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने को जिलाधिकारी ने पत्रकार वार्ता कर बताया साजिश, कथित पत्रकार और ग्राम प्रधान प्रीतिनिधि के कॉल डिटेल से सामने आया सच, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एंव कथित पत्रकार तथा एक अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा, एक कि हुई है गिरफ्तारी ।
एक रिपोर्ट ….
- मिर्जापुर जिले के जमालपुर विकास खंड के सिऊर प्राथमिक विद्यालय पर पर बच्चों को नमक-रोटी खिलाने के प्रकरण में जिला प्रशासन ने साजिशकर्ताओं के खिलाफ रविवार को बड़ी कार्रवाई किया है।
- राष्ट्रीय स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग की छवि धूमिल करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ अहरौरा थाने में मुख्यमंत्री के आदेश व जिलाधिकारी अनुराग पटेल के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रेम शंकर राम द्वारा सिऊर गांव निवासी राजकुमार पाल, एक तथाकथित पत्रकार पवन जायसवाल व एक अन्य के खिलाफ आइपीसी की धारा 186, 193,120 बी एवं 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए राजकुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है ।
- गौरतलब है कि 22 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय सिऊर में सोशल मीडिया पर बच्चों को नमक-रोटी खिलाने का विडियो तेजी से वायरल हुआ था।
- वायरल विडियो को प्रदेश सरकार द्वारा गंभीरता से लिया गया एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित लगभग आधा दर्जन शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गयी थी।
#मिर्ज़ापुर : प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने को जिलाधिकारी ने पत्रकार वार्ता कर बताया साजिशhttps://t.co/SnXF8bh9Hq@digmirzapur @UPGovt
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) September 3, 2019
- जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में वायरल विडियो को कूटरचित साजिश पाया गया ।
- अधिकारियों की जांच में यह तथ्य सामने आया कि विद्यालय में प्रतिदिन मीनू के अनुसार ही बच्चों को भोजन दिया जाता था लेकिन उस दिन साजिश के तहत भोजन में बच्चों के लिए रोटी बनाई गई थी, पर सब्जी के लिए रुपये होने के बावजूद उसे नहीं बनाते हुए रोटी नमक वितरित किया गया ।
- वीडियो बनाने से पहले कथित पत्रकार और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के बातचीत के ऑडियो से सच सामने आया गया ।
- नमक-रोटी प्रकरण से प्रदेश शासन एवं बेसिक शिक्षा विभाग की पूरे देश में किरकिरी हुई थी,
- इस मामले में मामला दर्ज कराया गया है –
क्या मुकदमा जल्दीबाजी में दर्ज कराया गया
- क्या के प्रश्न पर कहा कि पहले विभागीय लोगों पर प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई थी,
- पर ऑडियो के सामने आने और जांच में कई परते साजिश की खुलने से यह कार्रवाई की गई है ।
- मिड डे मील में प्रधान और अध्यापक का संयुक्त खाता होता है जिसमे सीधे रुपये जाते हैं,
- उस दिन भी खाते में रुपये थे ।
- जिला स्तर पर एक टास्क फोर्स गठित है
- जिसका कार्य ही स्कूलों में निरीक्षण करने का है ।
- इसके साथ ही पिछले एक वर्ष पोषण पाठन मिशन के अंतर्गत 103 अधिकारियों द्वारा 206 स्कूल को गोद लेकर पढ़ाते ही नहीं निःशुल्क सुविधाओं को भी देखते हैं ।
- मिड डे मील की गुडवत्ता को भी देखते हैं ।
- कहा कि उस दिन साजिशन रोटी नमक खिलाया गया।
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