बाबरी मस्जिद को देखकर लगता था ये कभी मंदिर ही रहा होगा: जस्टिस बीडी नकवी
- मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम के सेमिनार में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर रिटायर्ड जस्टिस बीडी नकवी का बयान |
- हिंदुस्तान और पाकिस्तान को भी डायलॉग पर आना पड़ा है |
- बाबरी मस्जिद का झगड़ा अंग्रेजों के जमाने मे भी हुआ था पर 400-500 लोगों की जाने गईं।
- 1949 में एक कब्जा हुआ जो पहले से ही विवादित था।
- सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकी |
- वो ताकतें इलेक्शन में हार गईं इसका क्रेडिट भी हमें बहुसंख्यको को देना होगा।
- एक पक्ष का यकीन है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई, ये एक लाचारी है।
- हो सकता है इस सेमिनार के बाद हमें श्री श्री रविशंकर का एजेंट बताया जाए कहा जाए कि हमने पैसे ले लिए हैं।
ज्यूडिशियल सॉल्यूशन नहीं है इस विवाद का
- ये बात सुप्रीम कोर्ट ने नई नहीं कही लीगल सॉल्यूशन नहीं हो सकता |
- सच्चाई यही है इस मसले को हम लीगली सॉल्व नहीं कर सकते।
- बाबरी मस्जिद जब हुजुद में थी तब भी देखा एक तरफ लगता था कि ये कभी मंदिर था |
- मैंने लोगों से कहा इसको दे देना चाहिए, आप मांगिए छीनिए मत।
- इसके बाद आइंदा कोई मसला हिंदुस्तान में नहीं उठाया जाएगा ये कहना होगा |
- विश्व हिंदू परिषद ने कहा मथुरा वाले की बात मैने कहा कर ली जाएगी।
- रामलला पक्ष तो बाद में आया निर्मोही अखाड़ा पहले से था |
- जब तक पोलिटिकल स्टेक हैं तब तक इसका हल नहीं हो सकता।
- जब तक इस मुल्क में कम्युनल हार्मनी नहीं आयेगा तब तक इस मसले का हल नहीं हो सकता।
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