उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नगर थाना क्षेत्र हरतीरथ इलाके में चिकित्सक डा. विशाल मलिक के द्वारा पुश्तैनी क्लिनिक में बैठकर लोगो के जीवन का सौदा 100 से 200 रुपये फीस इलाज करके ले रहे है। जबकि लोग डॉक्टर को प्रेक्टिस करने वाला डॉक्टर बता रहे है। वही लोगो के जीवन से ऐसे फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों से खतरा न हो इसलिए समय रहते ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही की जा सके। फर्जी डॉक्टरों पर जानकारी होने पर इसकी शिकायत सीएमओ डॉ बी बी सिंह से किया गया। मामले के जाँच करने के लिए कार्यालय पर तैनात डॉ पीयूष राय को दी गयी जिम्मेदारी जहाँ जांचकर्ता डॉ पीयूष रॉय के द्वारा तैयार रिपोर्ट दो महीने पूर्व को ही सीएमओ वाराणसी को प्रेषित किया जा चुका है जिसमें डॉ मलिक के क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन नही होना पाया गया है। साथ ही डॉ मलिक के पास कोई भी वैध डिग्री नही होने की रिपोर्ट में दर्शाया गया है।
कार्यवाई का दे रहे भरोसा :
वही डॉक्टर के परिवार में एक दो लोग ऐसे भी है जो जगह-जगह पर फर्जी झोलाछाप डॉक्टर बन के क्लीनिक पर बने हुए है। ऐसे में शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत पर हुई कार्रवाइयों के संबंध में सीएमओ वाराणसी से पूछने पर कहा गया है कि जांच रिपोर्ट आ गई है उस पर कार्रवाई जी जाएगी। आखिर कब तक कार्रवाई करेंगे सीएमओ साहब जब 10-20 आम जिंदगियों की कुर्बानी हो जाएगी या किसी बड़ी घटना के होने का इंतजार कर रहे है साहब। आज दो महीने बीत जाने के बाद भी आपके द्वारा कार्रवाई न करना इसे क्या समझा जाये।
कब तक होगा जिंदगियों से खिलवाड़ :
डीएम साहब आखिर आम जिंदगियों से ऐसे फर्जी व झोलाछाप डॉक्टर कब तक खिलवाड़ करते रहेंगे या इन धनबली व बाहुबली डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने में इतनी स्थिरता क्यो बरती जा रही या किसी संबंध का निर्वाह तो नही कर रहे सीएमओ साहब। जब ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नही करनी होती तो आखिर क्यों इस तरह के आदेशों को पारित किया जाता है। क्यो जनता के बीच यह संदेश दिया जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति गलत कार्य करता है तो उसकी जानकारी प्रशासन को दे ?
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